अमेरिकी संसद में बहस के दौरान सनसनीखेज खुलासा, कोरोना की आड़ में भारतीय इलाकों पर कब्जे की फिराक में था चीन

दुनिया
एजेंसी
Updated Jul 22, 2020 | 00:19 IST

NDDA passed from usa parliament: अमेरिकी संसद ने नेशनल डिफेंस अथराइजेशन एक्ट को पारित करते हुए चीन के विस्तारवाद की आलोचना की। बहस के दौरान बताया गया कि कोरोना की आड़ में चीन कब्जा करना चाहता था।

अमेरिकी संसद में बहस के दौरान सनसनीखेज खुलासा, कोरोना की आड़ में भारतीय इलाकों पर कब्जे की फिराक में था चीन
भारतीय जमीन पर कब्जे की फिराक में था चीन 
मुख्य बातें
  • अमेरिका कांग्रेस से एनडीडीए पास, चीन की विस्तारवादी नीति की आलोचना
  • कोरोना के बहाने चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जे की साजिश रची थी
  • भारत को मदद करने के लिए अमेरिका हमेशा तैयार

नई दिल्ली। सात समंदर पार अमेरिकी कांग्रेस में संवैधानिक संसोधन को एक मत से पास कर दिया गया। बड़ी बात यह थी कि चीन के मुद्दे पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स एक साथ आए और विषय के केंद्र में भारत था। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने नेशनल डिफेंस अथराइजेशन एक्ट यानि एनडीडीए को पास कर दिया। हाल ही में चीन जिस तरह से अपने पड़ोसियों के साथ उलझा हुआ उसे देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। एनडीडीए पर चर्चा के दौरान इस बात का जिक्र किया गया कि कोरोना की आड़ में चीन भारतीय जमीन पर कब्जा करने की फिराक में था। 

NDDA संशोधन अमेरिकी संसद में पारित
एनडीडीए संशोधन को भारतीय- अमेरिकी सांसद एमी बेरा और कांग्रेसमेन स्टी शैबट लेकर आए थे। इसके मुताबिक भारत और चीन को वास्तविक तनाव कम करने के लिए काम करना चाहिए। संशोधन में जिक्र किया गया है कि दक्षिण चीन सागर, LAC और सेंकाकू टापू विवादित इलाकों के आस पास जिस तरह से चीन विस्तारवाद को बढ़ावा देने के साथ ऑक्रामक रवैया अपनाया है वो चिंता की सबसे बड़ी वजह है। 

चीनी विस्तारवाद की अमेरिका ने की आलोचना
अमेरिकी संसद  कांग्रेस ने भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में चीन की हरकत का विरोध किया है और चीन के रुख पर चिंता जाहिर की है। इस बात का स्पष्ट जिक्र हुआ कि कोरोना वायरस को बहाना बनाकर भारत के क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश की है। एक दूसरे कांग्रेस मेन स्टीव मे कहा कि इंडो-पैसिफिक में अमेरिका का भारत एक अहम साझीदार है। वो भारत के समर्थन के साथ दोनों देशों के रिश्ते को और मजबूत होते हुए देखना चाहते हैं। इसके साथ ही वो उन सभी देशों के साथ हैं जो अमेरिका के साथी हैं और चीन की दुस्साहस का सामना कर रहे हैं। 


अमेरिकी रक्षा मंत्री ने भी लगाई थी झिड़की
संशोधन में कहा गया है कि 15 जून तक चीन ने LAC पर 5 हजार सैनिक तैनात किए और 1962 के बाद भारत की वैधानिक जमीन पर कदम रखने की कोशिश की। जिस समय अमेरिका नें इस संशोधन पर एकमत से मुहर लगी उस समय अमेरिका और भारत की नौसेनाओं ने संयुक्त युद्धाभ्यास किया। इसके जरिए अमेरिका की तरफ से चीन को स्पष्ट संदेश दिया गया। अमेरिका के रक्षमंत्री मार्क एस्पर ने सीधे तौर पर चीन पर निशाना भी साधा है। उन्होंने भारत के साथ  अमेरिकी रक्षा संबंधों को '21वीं सदी के सबसे अहम संबंधों में अहम बताया। चीन की सेना को क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने का जिम्मेदार बताया है। 

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