घर में घिरे पीएम ओली, भ्रष्टाचार के खिलाफ काठमांडू में छात्रों का प्रदर्शन

दुनिया
आलोक राव
Updated Jun 15, 2020 | 23:53 IST

Students protest against Oli government: भ्रष्टाचार के खिलाफ छात्रों ने सोमवार को पीएम केपी ओली के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। छात्रों की मांग है कि सरकार को अपने खर्चों के बारे में और पारदर्शी होना चाहिए।

Students protest against Oli government over corruption, its handling of COVID-19 pandemic
केपी ओली सरकार के खिलाफ छात्रों का काठमांडू में प्रदर्शन। 
मुख्य बातें
  • देश में बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ काठमांडू की सड़कों पर उतरे छात्र
  • छात्रों का आरोप है कि ओली सरकार कोविड-19 से निपटने में सक्षम नहीं है
  • छोटे कारोबारियों एवं गरीब लोगों के लिए राहत पैकेज की भी मांग की

काठमांडू : नेपाल में सोमवार को केपी ओली सरकार के खिलाफ बड़ी संख्या में छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया। छात्रों ने देश में बढ़ते भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग के साथ ओली सरकार के खिलाफ नारेबाज की। छात्रों का कहना है कि ओली सरकार देश में कोविड-19 की स्थिति से निपटने में 'नाकाम' रही है। काठमांडू की सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में उमड़े छात्रों ने ओली सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों जोर-शोर से उठाया और इन मामलों में कड़ी कार्रवाई की मांग की। 

छात्रों का आरोप-कोविड से निपटने में सक्षम नहीं सरकार
छात्रों ने आरोप लगाया कि कोविड-19 संक्रमण की वजह से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में ओली सरकार सक्षम नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस महामारी से स्थानीय कारोबार चौपट हो गया लेकिन इन छोटे दुकानदारों को संकट से उबारने के लिए सरकार ने कोई प्रयास नहीं किए हैं। युवाओं ने कहा कि रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में भी सरकार नाकाम हुई है। ओली सरकार के खिलाफ राजधानी के बानेश्वर इलाके में हुए इस विरोध-प्रदर्शन में करीब 500 छात्रों ने हिस्सा लिया।

राहत पैकेज की मांग कर रहे लोग
लोगों की मांग है कि देश में फैल रहे कोरोना वायरस पर रोक लगाने के लिए सरकार की तरफ से और उपाय किए जाने चाहिए। नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में लोग सरकार की तरफ से हाशिए पर रहने वाले एवं गरीब लोगों के लिए राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि कोविड-19 की रोकथाम पर आने वाले खर्च के बारे में सरकार को ज्यादा पारदर्शी होना चाहिए।

नए नक्शे पर भारत के साथ रिश्ते में आई तल्खी
बता दें कि नेपाल में ये विरोध-प्रदर्शन ऐसे समय हो रहे हैं जब देश के नए नक्शे को लेकर भारत के साथ उसके रिश्तों में तल्खी आ गई है। दरअसल, नेपाल सरकार ने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने नए नक्शे में शामिल करने के लिए लाए गए संविधान संशोधन को वहां के संसद के निचली सदन ने पारित कर दिया है। भारत इन क्षेत्रों का अपना हिस्सा मानता रहा है लेकिन नेपाल के इस कदम के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई है। नेपाल ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब लद्दाख में चीन के साथ भारत का गतिरोध बना हुआ है।  

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