Afghanistan में बढ़ती धमक के बीच भारत को Taliban का आश्वासन व चेतावनी दोनों, PAK से रिश्तों पर भी तोड़ी चुप्पी

अफगानिस्‍तान में बढ़ती धमक के बीच तालिबान प्रवक्‍ता भारत को चेतावनी और आश्‍वासन, दोनों देते नजर आए तो पाकिस्‍तान स्थित आतंकी संगठनों से रिश्‍तों पर भी सफाई दी।

तालिबान प्रवक्‍ता मुहम्‍मद सुहैल शाहीन
तालिबान प्रवक्‍ता मुहम्‍मद सुहैल शाहीन  |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • अफगानिस्‍तान के कई शहरों पर तालिबान ने कब्‍जा जमा लिया है
  • तालिबान की हिंसक गतिविधियों ने यहां सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा की है
  • युद्धग्रस्‍त देश के हालात पर भारत सहित दुनिया के कई देश नजर रखे हुए हैं

काबुल : अफगानिस्‍तान में तालिबान लगातार पांव पसार रहा है। तालिबान की बढ़ती हिंसक गतिविधियों के बीच यहां सुरक्षा हालात को लेकर बड़ी चिंता पैदा हो गई है। भारत सहित दुनिया के कई देश अफगानिस्‍तान में पल-पल बदल रहे हालात पर नजर रखे हुए हैं तो संयुक्‍त राष्‍ट्र ने एक बार फिर अफगानिस्‍तान की स्थिति को लेकर चिंता जताई है। अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान की बढ़ती धमक के बीच सवाल पाकिस्‍तान की भूमिका पर भी उठ रहे हैं।

इन सबके बीच तालिबान के प्रवक्‍ता मुहम्‍मद सुहैल शाहीन ने कई मुद्दों पर तालिबान का पक्ष रखा है। तालिबान प्रवक्‍ता इस दौरान भारत को आश्‍वासन और चेतावनी एक साथ देते नजर आए तो पाकिस्‍तान के साथ अपने रिश्‍तों को लेकर भी चुप्‍पी तोड़ी। तालिबान प्रवक्‍ता ने इससे भी इनकार किया अफगानिस्‍तान के पकतिया में गुरुद्वारा से निशान साहिब को हटाने में तालिबान की कोई भूमिका थी। बकौल, प्रवक्‍ता सिख समुदाय ने खुद ही ऐसा किया।

भारत को लेकर क्‍या बोला तालिबान?

तालिबान प्रवक्‍ता ने कहा, 'झंडे को सिख समुदाय के लोगों ने ही हटाया था। जब हमारे सुरक्षा अधिकारी वहां गए तो उन्होंने कहा कि अगर किसी ने झंडा देखा तो उन्हें परेशान करेगा। हमारे लोगों ने उन्हें आश्वस्‍त किया और फिर से इसे फहराया।' तालिबान प्रवक्‍ता ने अफगानिस्‍तान में निर्माण व विकासात्‍मक कार्यों को लेकर भारत की सराहना की तो यहां भारत की सैन्‍य मौजूदगी को लेकर चेतावनी भी दे डाली।

तालिबान प्रवक्‍ता ने कहा, 'अगर वे (भारत) सैन्‍य रूप में अफगानिस्‍तान आते हैं और यहां अपनी मौजूदगी रखते हैं तो मुझ लगता है कि यह उनके लिए ठीक नहीं होगा। उन्‍होंने अफगानिस्‍तान में दूसरे देशों की सेना की मौजूदगी का हाल देखा है तो उनके लिए स्थिति बिल्‍कुल साफ है।' ताल‍िबान प्रवक्‍ता ने अफगानिस्‍तान में सैन्‍य दखल को लेकर भारत के लिए चेतावनी भरे लहजे का इस्‍तेमाल किया तो देश में विकासात्‍मक परियोजनाओं के लिए भारत की सराहना भी की।

तालिबान का भारत को आश्‍वासन! 

तालिबान प्रवक्‍ता ने कहा, 'वे (भारत) अफगान नागरिकों और राष्‍ट्रीय परियोजनाओं में मदद दे रहे हैं। उन्‍होंने पहले भी ऐसा किया है। मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है, जो सराहनीय है। हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए हर काम की सराहना करते हैं जैसे बांध, राष्ट्रीय और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और कुछ भी जो अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि के लिए है।'

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान तालिबान प्रवक्‍ता ने भारत को आश्‍वस्‍त भी करते नजर आए, जब मुहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा, 'हमारी एक सामान्य नीति है कि हम किसी को भी पड़ोसी देशों सहित किसी भी देश के खिलाफ अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' उनसे पूछा गया था कि क्‍या तालिबान भारत को आश्वस्त कर सकता है कि उसके खिलाफ अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

क्‍या भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मिला तालिबान?

भारत के साथ बातचीत की खबरों पर तालिबान प्रवक्‍ता ने कहा, 'भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ हमारे प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात व बातचीत की खबरें थीं, लेकिन मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता। मेरी जानकारी के अनुसार, (अलग) बैठक नहीं हुई है, लेकिन कल दोहा में हमारी एक बैठक थी, जिसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था।' ताल‍िबान प्रवक्‍ता ने दूतावासों और राज‍नयिकों की सुरक्षा को लेकर भी आश्‍वस्‍त किया और कहा कि उन्‍हें कोई खतरा नहीं है।

तालिबान प्रवक्‍ता ने कहा, 'हमारी तरफ से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है। हम किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएंगे। हमने अपने बयानों में कई बार ऐसा कहा है। यह हमारी प्रतिबद्धता है।' वहीं पाकिस्‍तान स्थित आतंकी संगठनों से संबंधों को लेकर भी तालिबान प्रवक्‍ता ने सफाई दी और उन्‍हें निराधार बताया। उन्‍होंने कहा, 'ऐसे आरोप निराधार हैं, वे जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक रूप से प्रेरित लक्ष्यों के आधार पर हमारे प्रति उनकी कुछ नीतियों के आधार पर हैं।'

तालिबान प्रवक्‍ता का यह स्‍पष्‍टीकरण उन आरोपों के बीच आया है, जिनमें कहा जा रहा है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान को पाकिस्‍तान स्थित आतंकी संगठनों और पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटे‍लीजेंस (ISI) से मदद मिल रही है। अफगानिस्‍तान के राजनयिक ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सहित कई अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर इस मसले को उठाया है कि पाकिस्‍तान किस तरह अफगानिस्‍तान में सक्रिय तालिबान को मदद और सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करा रहा है।

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