Sheikh Rahimullah Haqqani : इस्लामी अमीरात को बड़ा झटका, विस्फोट में मारा गया मौलवी शेख रहीमुल्ला हक्कानी 

Afghanistan News : पिछले साल अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान के काबिज होने के बाद इस देश में नियमित रूप से विस्फोट और हमले हो रह हैं। निर्दोष लोगों की हत्याएं, मस्जिदों एवं मंदिरों को नष्ट किया गया है और महिलाओं पर हमले हुए हैं।

Taliban cleric Sheikh Rahimullah Haqqani killed in blast in Kabul
काबुल में हुए विस्फोट में मारा गया मौलवी हक्कानी।  |  तस्वीर साभार: ANI

Sheikh Rahimullah Haqqani : अफगानिस्तान में तालिबानी मौलवी शेख रहीमुल्ला हक्कानी की हत्या कर दी गई है। गुरुवार को काबुल में हुए एक विस्फोट में रहीमुल्ला मारा गया। टोलो न्यूज ने इस्लामी अमीरात के प्रवक्ता बिलाल करीमी के हवाले से कहा कि हक्कानी के काबुल स्थित उसके धार्मिक संस्था में विस्फोट हुआ और इस विस्फोट में वह मारा गया। अफगानिस्तान में हाल के दिनों में कई विस्फोट हुए हैं। ये धमाके चंदावल, पुल एक सोकहता एवं सरकरीज सहित काबुल में हुए हैं। 

आतंकी विचारधारा का समर्थक था हक्कानी
रहीमुल्ला को इस्लामी विद्वान और आतंकी विचारधारा का कट्टर समर्थक माना जाता था। रिपोर्टों में तालिबान सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस हमले के पीछे रेजिस्टेंस फोर्स या इस्लामिक स्टेट (IS) का हाथ हो सकता है। तालिबान की स्पेशल पुलिस ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है। रहीमुल्ला को अफगानिस्तान के वर्तमान गृहमंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी का वैचारिक गुरु भी माना जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रहीमुल्ला के लाखों फॉलोअर्स हैं।

आशुरा के दौरान हमले अधिक होते हैं
गत छह अगस्त को काबुल के पश्चिमी इलाके पुल एक सोकहता में हुए विस्फोट में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। अफगानिस्तान में हो रहे इन हमलों एवं विस्फोटों की संयुक्त राष्ट्र ने निंदा की है। हाल के दिनों में हुए इन धमाकों में 120 से ज्यादा लोगों की जान गई है। अफगानिस्तान में स्थित यूएन फैमिली ने आशुरा को देखते हुए अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा और मजबूत करने की अपील की है। बता दें कि हर साल आशुरा के समय अफगानिस्तान में हमले बढ़ जाते हैं। 

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हजारा एवं शिया अल्पसंख्यक निशाना
आशुरा के दौरान इन हमलों की जिम्मेदारी आईएसआईएस-के ने ली है। इन हमलों की निंदा अमेरिकी ने भी की है। इन हमलों में काबुल में हजारा एवं शिया अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है। पिछले साल अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान के काबिज होने के बाद इस देश में नियमित रूप से विस्फोट और हमले हो रह हैं। निर्दोष लोगों की हत्याएं, मस्जिदों एवं मंदिरों को नष्ट किया गया है और महिलाओं पर हमले हुए हैं। अफगानिस्तान की वित्तीय हालत भी ठीक नहीं है। यहां के लोग गुजर-बसर के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की मदद पर निर्भर हैं।    

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