संयुक्‍त राष्‍ट्र में तालिबान! UN महासचिव को पत्र लिखकर मांगी अनुमति, वैश्विक संस्‍था से की ये अपील

बंदूक के बल पर अफगानिस्‍तान की सत्‍ता में काबिज तालिबान अब संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करना चाहता है। उसने इसके लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र को पत्र भी लिखा है।

तालिबान प्रवक्‍ता मुहम्‍मद सुहैल शाहीन
तालिबान प्रवक्‍ता मुहम्‍मद सुहैल शाहीन  |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा का 76वां सत्र 21-27 सितंबर के बीच आयोजित किया गया है
  • अफगानिस्‍तान की सत्‍ता में काबिज तालिबान UNGA सत्र को संबोधित करना चाहता है
  • तालिबान ने इसके लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र सचिवालय को पत्र लिखा है

काबुल/संयुक्त राष्ट्र : अफगानिस्‍तान की सत्‍ता में तालिबान के आने के बाद से पूरी दुनिया चौकस बनी हुई है। सशस्‍त्र समूह के दम पर सत्‍ता में काबिज तालिबान से वैश्विक नेता लगातार अपील कर रहे हैं कि वे आतंकी समूहों के साथ अपना नाता तोड़े। तालिबान को अभी अंतरराष्‍ट्रीय मान्‍यता भी नहीं मिली है, जिसके कारण उसकी सत्‍ता को वैध नहीं कहा जा सकता। चिंता तालिबान राज में सामान्‍य लोगों, खासकर महिलाओं के अधिकारों को लेकर भी है। इन सबके बीच तालिबान अंतरराष्‍ट्रीय बिरादरी और वैश्विक मंचों तक अपनी पहुंच बनाने में जुटा है।

तालिबान ने इसके लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस को पत्र लिखा और अपने प्रवक्ता सुहैल शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का नया राजदूत नामित करने तथा संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 76वें सत्र में उसके प्रतिनिधिमंडल को भाग लेने देने की अपील की। हालांकि तालिबान के इस कदम के बाद उसका अफगानिस्‍तान की पूर्ववर्ती सरकार के साथ टकराव की स्थिति पैदा हो गई है, जिसकी ओर से ग्राम इसाकजाई इस पद काबिज हैं।

क्‍या है तालिबान की दलील?

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा का सालाना सत्र इस बार 21 से 27 सितंबर के बीच आयोजित हो रहा है, जिसमें तालिबान भी हिस्‍सा लेना चाहता है। तालिबान की ओर से 20 सितंबर को संयुक्‍त राष्‍ट्र महासाचिव एंटोनियो गुटारेस को पत्र लिखा गया, जिस पर विदेश मंत्री की हैसियत से अमीर खान मुत्तकी के हस्ताक्षर हैं। पत्र में इस आधार पर ग्राम इसाकजाई को संयुक्‍त राष्‍ट्र में अफगान राजदूत के पद से हटाकर तालिबान के प्रवक्‍ता सुहैल शाहीन को इस पद पर नामित करने की अपील की गई है कि इसाकजाई को पूर्ववर्ती राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद अशरफ गनी ने जून 2021 में इस पद पर नियुक्‍त किया था, जो खुद 15 अगस्‍त 2021 को काबुल पर तालिबान के कब्‍जे के साथ ही देश छोड़कर चले गए थे।

तालिबान का कहना है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र में पूर्ववर्ती स्थायी प्रतिनिधि के मिशन को अब समाप्त माना जाए। इसमें यह भी कहा गया है कि इसाकजाई अब अफगानिस्तान की नई सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं करते, इसलिए उनकी जगह सुहैल शाहीन को यह पद मिले। वहीं, 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुत्तकी संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा सत्र को संबोधित करना चाहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र सचिवालय ने तालिबान की ओर से भेजे गए पत्र को महासभा के अध्यक्ष के कार्यालय से परामर्श के बाद महासभा के 76वें सत्र की 'क्रेडेंशियल कमेटी' के पास भेज दिया गया है, जो यह तय करेगी कि आखिर संयुक्त राष्ट्र में काबुल का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।

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