टीएलपी नेता खादिम हुसैन रिजवी का निधन, अपने प्रदर्शनों से इमरान खान सरकार के लिए बने थे मुसीबत  

रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि 54 साल के रिजवी को पिछले कुछ दिनों से बुखार था। बुखार और सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें गुरुवार की रात शेख जायद अस्पताल में भर्ती किया गया।

 TLP chief Khadim Hussain Rizvi passes away in Lahore
टीएलपी नेता खादिम हुसैन रिजवी का निधन।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • फ्रांस के खिलाफ टीएलपी के हजारों समर्थकों ने इस्लामाबाद में किया प्रदर्शन
  • धार्मिक राजनीतिक संगठन है टीएलपी, अपनी बात साफगोई से रखते आए हैं रिजवी
  • 54 साल के रिजवी को पिछले कुछ दिनों से बुखार था, लाहौर में हुआ निधन

लाहौर : अपने प्रदर्शनों से इमरान खान सरकार के लिए चुनौती खड़ा करने वाले तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के धार्मिक नेता खादिम हुसैन रिजवी का गुरुवार को निधन हो गया। 54 वर्ष के रिजवी ने लाहौर के एक अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रिजवी का निधन ऐसे समय हुआ है जब दो दिन पहले उनके हजारों समर्थकों ने रावलपिंडी और इस्लामाबाद में फ्रांस के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। टीएलपी समर्थक फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्लाम पर दिए गए बयान से नाराज हैं। समर्थकों की मांग है कि इमरान सरकार को फ्रांस पर परमाणु हथियारों से हमला कर देना चाहिए। 

पिछले कुछ दिनों से बीमार थे रिजवी
रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि 54 साल के रिजवी को पिछले कुछ दिनों से बुखार था। बुखार और सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें गुरुवार की रात शेख जायद अस्पताल में भर्ती किया गया। बताया जाता है कि यहां उन्हें हृदयाघात हुआ। रिजवी की मौत के बाद का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उनके समर्थक शोक-संवेदना जाहिर करते हुए नजर आए हैं। निधन के बाद मौलाना का पार्थिव शरीर लाहौर स्थित उनके घर लाया गया। घर पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक एवं नेता जुटे थे। हालांकि, कुछ रिपोर्टों में यह बात भी सामने आई कि रिजवी थोड़ी समय के लिए बेहोश थे और वह जिंदा हैं लेकिन बाद में यह बात गलत पाई गई।  

फ्रांस के खिलाफ टीएलपी का प्रदर्शन
टीएलपी के स्थानीय पदाधिकारियों का कहना है कि रिजवी के शव को शनिवार को मिनार ए पाकिस्तान के ग्राउंड में दफनाया जाएगा। रिजवी ने हाल ही में फ्रांस के खिलाफ हुए धरने का नेतृत्व किया था। बाद में सरकार के नुमाइंदों के साथ बातचीत होने के बाद उन्होंने अपना धरना खत्म कर दिया था। बता दें कि टीएलपी एक इस्लामिक राजनीतिक दल है जिसका नेतृत्व रिजवी करते आए हैं। इसका गठन इस्लामिक आंदोलन के रूप में 1 अगस्त 2015 को कराची में हुआ जो धीरे-धीरे राजनीति में प्रवेश करता चला गया।

अगली खबर