इंग्लैंडः अब स्मेथविक में बवाल! 200 की भीड़ ने घेरा मंदिर, लगाने लगे 'अल्लाह-हू-अकबर' के नारे

दुनिया
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Sep 21, 2022 | 10:19 IST

इससे पहले, वहां के लीसेस्टर में उपद्रव हुआ था। इस मामले में ब्रिटेन पुलिस ने 47 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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स्मेथविक में नारे लगाते हुए लोग।  |  तस्वीर साभार: Times Now
मुख्य बातें
  • उठा बड़ा सवाल- कहीं प्री-प्लान तो नहीं थी यह घटना?
  • सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लोगों से जुटने को कहा गया था
  • सिखों-हिंदुओं को पहले भी निशाना बनाने के आए हैं केस

इंग्लैंड के लीसेस्टर में हुए उपद्रव के बाद स्मेथविक में बवाल हो गया। वहां पर एक मंदिर को कथित तौर पर निशाना बनाया गया। 200 लोगों की भीड़ ने धर्मस्थल को घेर लिया था। इस बीच, भीड़ में शामिल कई लोग अल्लाह हू अकबर के नारे लगाते देखे गए। हालांकि, हो-हल्ले के बीच जैसे ही पुलिस के जानकारी हुई, वह मौके पर पहुंची और उसने भीड़ को वहां से हटाया। टाइम्स नाउ नवभारत रिपोर्टर के मुताबिक, भीड़ ने मंदिर पर हमले की कोशिश की। साथ ही मंदिर के लोगों पर धावा बोलने का प्रयास किया। 

यह घटना प्री-प्लान थी? यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है, क्योंकि सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट सामने आए थे, जिनमें लोगों को एकजुट करने के लिए अपील की गई थी। सियासी गलियारों में इस घटना को नस्लीय भेदभाव के एंगल से भी देखा जा रहा है। चूंकि, यह ऐसा कोई पहला मामला नहीं है, जिसमें किसी धर्मस्थल को निशाना बनाने का प्रयास हुआ हो। पहले भी सिखों और हिंदु समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने की खबरें आती रहीं है। हालांकि, इस पूरे मामले पर विदेश मंत्रालय की कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।   

इससे पहले, वहां के लीसेस्टर में सप्ताहांत पर हिंसक घटनाएं हुई थीं। मामले में 47 लोग अरेस्ट किए गए हैं। मंगलवार (20 सितंबर, 2022) को पुलिस ने बताया- पूर्वी शहर में उपद्रव के सिलसिले में हमने 47 लोग (बर्मिंघम समेत दूसरे नगरों के) गिरफ्तार किए हैं। ऐसी और घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस बल गश्त कर रहे हैं। 

वहीं, लंदन में भारतीय उच्चायुक्त ने कड़े शब्दों में एक बयान जारी कर भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा की कड़ी निंदा की थी। साथ ही प्रभावित लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी। पुलिस के मुताबिक, 20 साल के एक शख्स ने शहर में झड़प के दौरान हथियार रखने का गुनाह कबूल किया, जिसके बाद उसे 10 महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई।

स्थानीय निवासी अमोस नोरोन्हा को शनिवार को मौके से गिरफ्तार किया था। बाद में उसे लीसेस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था। उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत थे, जिसके आधार पर उस पर आरोप लगाए गए।

लीसेस्टरशायर पुलिस के ‘टेम्परेरी चीफ कांस्टेबल’ रॉब निक्सन ने कहा, “ हम अपने शहर में यह उपद्रव बर्दाश्त नहीं करेंगे।” पुलिस के मुताबिक, पिछले महीने के आखिर में एशिया कप के तहत दुबई में हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हिंदू-मुस्लिम समूहों में झड़प हो गई थी। पुलिस ने इसे ‘गंभीर उपद्रव’ बताया। 

प्रवासी समूह ‘इनसाइट यूके’ का दावा था कि हिंसा की ज्यादातर घटनाएं अफवाहों और सोशल मीडिया पर प्रसारित फर्जी खबरों की वजह से हुईं। लीसेस्टर के मेयर पीटर सोल्सबी बोले- सोशल मीडिया पर चीजें तोड़-मरोड़ कर शेयर की गईं। बाहर से आए लोग शहर में हिंसा भड़का रहे हैं।

इस बीच, हिंदू काउंसिल यूके की ओर से कहा गया, “हम हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की घटना की निंदा करते हैं। यह पूजास्थल हैं और उनका अनादर नहीं किया जाना चाहिए। हमारी हिंदू समुदाय से अपील है कि वे अधिकारियों के साथ मिलकर शांति कायम करने के लिए काम करें। लीसेस्टर अपनी सांस्कृतिक विविधता, एकता और समुदायों के बीच एकजुटता के लिए जाना जाता है।”  

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