British खुफिया प्रमुख की चेतावनी- Afghanistan में तालिबान के आने से फिर हो सकता है अल-कायदा-शैली में बड़ा हमला

UK spy chief's Warning : ब्रिटिश खुफिया प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के आने से आतंकवादी और मजबूत हुए हैं जिससे पश्चिमी देशों के खिलाफ फिर अल कायदा शैली में हमला हो सकता है।

British intelligence chief said that the Taliban's takeover of Afghanistan will have heartened and emboldened terrorist
फिर हो सकता है अल-कायदा-शैली में बड़ा हमला: UK खुफिया प्रमुख  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने को लेकर दिया बड़ा बयान
  • ब्रिटिश खुफिया एजेंसी प्रमुख बोले- तालिबान के आने से मजबूत हुए हैं आतंकी
  • पश्चिमी देशों के खिलाफ फिर हो सकता है अल कायदा शैली में हमला- ब्रिटिश खुफिया प्रमुख

लंदन: अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज (Taliban takeover in Afghanistan) होने के बाद से ही दुनिया के अधिकांश देश चिंतित हैं। पाकिस्तान और चीन जहां तालिबान के शासन को मान्यता देने के लिए वैश्विक स्तर पर ऐडी चोटी का जोर लगा रहे हैं, वहीं ब्रिटेन, अमेरिका भारत सहित कई देशों ने अफगानिस्तान को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। इस बीच ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई 5 के प्रमुख केन मैक्कलम ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि तालिबान के अफगानिस्तान में आने से चरमपंथी मजबूत हुए हैं और एक बार फिर 9/11 जैसा हमला हो सकता है।

अलकायदा स्टाइल में हो सकते हैं हमले

 केन मैक्कलम ने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकवादी मजबूत हुए हैं और इससे पश्चिमी देशों के खिलाफ 'अल-कायदा-शैली' के बड़े हमलों के षड्यंत्रों की पुनरावृत्ति हो सकती है। उन्होंने कहा कि नाटो सैनिकों की वापसी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थित अफगान सरकार के अपदस्थ होने के कारण ब्रिटेन को ‘अधिक जोखिम’ का सामना करना पड़ सकता है। मैक्कलम ने एक साक्षात्कार में बीबीसी से कहा कि आतंकी खतरों की स्थिति रातोंरात नहीं बदलती है और अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद चरमपंथी मजबूत हुए हैं जिससे पश्चिमी देशों के खिलाफ अल-कायदा-शैली के बड़े हमलों के षड्यंत्रों की वापसी हो सकती है।

सतर्क रहने की जरूरत

 उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम से ब्रिटेन के लिए अधिक खतरा उत्पन्न हो सकता है, इसलिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। ब्रिटेन ने पिछले दो दशकों में इस्लामी सोच से प्रेरित चरमपंथियों के कई हिंसक हमले देखे हैं। देश में सबसे घातक आतंकी हमला सात जुलाई 2005 को हुआ था जब चार आत्मघाती हमलावरों ने लंदन में मेट्रो ट्रेनों और एक बस को निशाना बनाकर 52 यात्रियों की हत्या कर दी थी। हाल में हुए चाकू और वाहन हमले काफी हद तक इस्लामिक स्टेट समूह जैसे आतंकी समूहों से प्रेरित व्यक्तियों का काम है।

हमले किए नाकाम

मैक्कलम ने कहा कि ब्रिटेन के अधिकारियों ने पिछले चार वर्षों में इस्लामी और धुर दक्षिणपंथी चरमपंथियों के हमला करने संबंधी 31 षड्यंत्रों को नाकाम किया है। उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों के 20 साल बाद ब्रिटेन अधिक सुरक्षित है या कम सुरक्षित है।

(भाषा इनपुट्स के साथ)

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