एक जाबांज यूक्रेनी सैनिक की कहानी, जिसने रूसी टैंकों को रोकने के लिए ब्रिज सहित खुद को बम से उड़ा लिया

रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए आक्रमण से वहां आम जिदंगी तबाह हो गई है। इस बीच यूक्रेनी सैनिक रूसी सेना से लगातार मोर्चा ले रहे हैं। एक बहादुर सैनिक की शानदार कहानी सामने आई है।

Ukrainian Soldier Blows Himself Up With Bridge To Stop Russian Tanks Advancing
रूस के टैंक रोकने के लिए यूक्रेनी सैनिक ने उठाया ऐसा कदम... 
मुख्य बातें
  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जाबांज यूक्रेनी सैनिक की कहानी
  • रूसी टैंकों को रोकने के लिए सैनिक ने पुलिस सहित खुद को बम से उड़ा दिया
  • रूस के सैनिक से लेकर नागरिक तक कर रहे हैं रूसी आक्रमण से मुकाबला

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इस बीच यूक्रेनी सैनिक और नागरिक रूस की सेना से लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। शुक्रवार को सैनिकों और लोगों ने 'पुतिन को हर घर से नरक देने' की कसम खाई और रूसी सेना के खिलाफ अपशब्द कहे गए। शुक्रवार सुबह जब यूक्रेन की सेना को यह जानकारी मिली कि रूसी सैनिक अपने टैंकों के साथ राजधानी कीव की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं, तो उन्होंने शहर को जोड़ने वाले तीन पुलों को ब्लास्ट कर उड़ा दिया। 

सैनिक ने पुल के साथ खुद को उड़ाया

उनमें से एक समुद्री पुल था जो क्रीमिया के पास खेरसॉन क्षेत्र में स्थित था और यहा तैनात एक यूक्रेनी सैनिक ने पुल के साथ खुद को भी धमाके में उड़ा लिया तांकि रूसी सैनिक शहर में प्रवेश ना कर पाएं। इस सैनिक की पहचान विटाली के रूप में हुई है। यह पुल रूस के अधिकृत वाले क्रीमिया को यूक्रेन से जोड़ता है।  विटाली खेरसॉन क्षेत्र में हेनिचेस्क पुल का प्रबंधन कर रहे थे। यूक्रेन की आर्मी ने अपने जाबांज की स्टोरी सोशल मीडिया पर साझा की है।

खबर के मुताबिक विटाली ने अपने भाइयों से संपर्क किया और कहा कि वह पुल को उड़ाने जा रहा है। इसके बाद धमाका हुआ जिसमें पुल के साथ खुद को भी उड़ा लिया। उनके इस कदम ने यूक्रेनी सैन्य इकाइयों को अपने बचाव को फिर से संगठित करने और फिर से तैनात करने में मदद की है। सैन्य  कमांडर अब उसे उसके कार्यों के लिए मरणोपरांत सम्मान देने की बात कह रहे हैं।'  

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दुश्मनों के टैंकों की रफ्तार रोकी

वटाली के भाई ने बताया, 'हमारे देश के लिए इस कठिन दौर में, जब यूक्रेनी लोग सभी दिशाओं में रूसी कब्जेदारों को खदेड़ रहे हैं, यूक्रेन के नक्शे पर सबसे कठिन स्थानों में से एक क्रीमियन इस्तमुस था, जहां नौसैनिकों की एक अलग बटालियन पहले तैनात थी। विटाली की साहस और दिलेरी ने दुश्मनों के टैंकों की रफ्तार रोक दी, दी गई जिम्मेदारी निभाते हुए विटाली ने सबसे पहले पुल में विस्फोटक लगाए फिर उन्हें पता चल गया कि धमाका होने से पहले वह नहीं निकल पाएंगे और उन्होंने अंतिम सांस तक लड़ने का फैसला किया और अंतत: अपनी कुर्बानी देनी पड़ी।'

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