'डराने वाली ऊंचाई पर पहुंच गया है भूखमरी का स्तर, तत्काल कदम उठाएं', UN चीफ की अपील

Global food crisis : यूएन चीफ एंटोनियो गुटरेस ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन भी खाद्यान संकट बढ़ाने में योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि अत्यंत खराब मौसम एवं जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों की वजह से बीते एक दशक में 1.7 अरब लोग प्रभावित हुए हैं।

 UN chief urges nations to 'act urgently' to end global food insecurity
यूएन चीफ ने खाद्यान्न संकट पर दुनिया को चेताया।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • दुनिया में बढ़ते खाद्यान्न संकट पर यूएन चीफ ने देशों से अपील की है
  • गुटरेस ने कहा है कि इस संकट से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है
  • यूएन चीफ का कहना है कि भूखमरी का स्तर नई ऊंचाई पर पहुंच गया है

Global food crisis : दुनिया पर मंडराते खाद्यान्न संकट पर विशेषज्ञों का कहना है कि यह संकट अगर लंबे समय तक चलता है तो दुनिया के कई हिस्सों में खाद्यान्न संकट गंभीर रूप ले सकता है। इसे दूर रखने के लिए अभी से कदम उठाने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने भी इस पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि दुनिया में भूखमरी का स्तर नई ऊंचाई पर पहुंच गया है और इसे गंभीर रूप धारण करने से पहले दुनिया के देशों को तत्काल और ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

खाद्य असुरक्षा में जीने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हुई
यूएन चीफ ने न्यूयार्क में बुधवार को आयोजित 'ग्लोबल फूड सेक्युरिटी कॉल एक्शन' की बैठक के दौरान यह बात कही। इस बैठक की अध्यक्षता अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने की। गुटरेस ने कहा कि गंभीर रूप से खाद्य असुरक्षा में जीने वाले लोगों की संख्या पिछले दो वर्षों में दोगुनी हो गई है। कोरोना महामारी से पहले यह संख्या 13.5 करोड़ थी जो अब बढ़कर 27.6 करोड़ हो गई है। इनमें पांच लाख ऐसे हैं जो अकाल जैसे हालात का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'ये डराने वाले आंकड़े हैं और ये संघर्षों से जटिल रूप से जुड़े हैं। हम अगर लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध नहीं करा पाएंगे तो हम संघर्ष को बढ़ावा देंगे।' 

एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत-गुटरेस
यूएन चीफ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन भी खाद्यान संकट बढ़ाने में योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि अत्यंत खराब मौसम एवं जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों की वजह से बीते एक दशक में 1.7 अरब लोग प्रभावित हुए हैं। खाद्यान्न संकट के लिए कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन संघर्ष और जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार माना जा रहा है। अफ्रीका के कई देशों में लोग अकाल जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। यूएन चीफ ने कहा कि हम एकजुट होकर इस संकट से निपट सकते हैं।  

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