अमेरिकी संसद में प्रतिबंधों से भारत को खास छूट दिलाने वाला बिल पास, रूस के साथ डील के लिए दी राहत

दुनिया
भाषा
Updated Jul 15, 2022 | 22:50 IST

अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए सीएएटीएसए प्रतिबंधों से खास छूट दिलाने वाले एक संशोधित बिल पास कर दिया। भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने बिल पेश किया था।

US Parliament passes bill to give India special exemption from sanctions for buying S-400 missile defense system from Russia
एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली (तस्वीर-istock) 

वॉशिंगटन : अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए सीएएटीएसए प्रतिबंधों से खास छूट दिलाने वाले एक संशोधित विधेयक को गुरुवार को पारित कर दिया। भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना द्वारा पेश किए गए इस संशोधित विधेयक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से भारत को चीन जैसे आक्रामक रुख वाले देश को रोकने में मदद करने के लिए ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) से छूट दिलाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया गया है।

राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून (एनडीएए) पर सदन में चर्चा के दौरान गुरुवार को ध्वनि मत से यह संशोधित विधेयक पारित कर दिया गया। खन्ना ने कहा कि अमेरिका को चीन के बढ़ते आक्रामक रूख के मद्देनजर भारत के साथ खड़ा रहना चाहिए। भारत कॉकस के उपाध्यक्ष के तौर पर मैं हमारे देशों के बीच भागीदारी को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने पर काम कर रहा हूं कि भारतीय-चीन सीमा पर भारत अपनी रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि यह संशोधन अत्यधिक महत्वपूर्ण है और मुझे यह देखकर गर्व हुआ कि इसे दोनों दलों के समर्थन से पारित किया गया है।

सदन में अपनी टिप्पणियों में खन्ना ने कहा कि अमेरिका-भारत भागीदारी से ज्यादा महत्वपूर्ण अमेरिका के रणनीतिक हित में और कुछ भी इतना जरूरी नहीं है। विधेयक में कहा गया है कि ‘यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीस’ (आईसीईटी) दोनों देशों में सरकारों, शैक्षणिक समुदाय और उद्योगों के बीच करीबी साझेदारी विकसित करने के लिए एक स्वागत योग्य और आवश्यक कदम है ताकि कृत्रिम बुद्धिमता, क्वांटम कम्प्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी, एरोस्पेस और सेमीकंडक्टर विनिर्माण में नवीनतम प्रगति को अपनाया जा सकें।

इसमें कहा गया है कि इंजीनियर और कम्प्यूटर वैज्ञानिकों के बीच ऐसी भागीदारी यह सुनिश्चित करने में अहम है कि अमेरिका और भारत के साथ ही दुनियाभर में अन्य लोकतांत्रिक देश नवोन्मेष और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दे सकें, ताकि ये रूस और चीन की प्रौद्योगिकी को पछाड़ सकें। वर्ष 2017 में पेश सीएएटीएसए के तहत रूस से रक्षा और खुफिया लेन-देन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है। इसे 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मॉस्को के कथित हस्तक्षेप के जवाब में लाया गया था।

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