Ukraine Crisis : 'तो क्या हम नाटो से लड़ेंगे?' यूक्रेन संकट पर पुतिन का बड़ा बयान

Ukraine Crisis : रूस इस बात की गारंटी चाहता है कि नाटो में यूक्रेन को शामिल नहीं किया जाएगा और रूसी सीमा के समीप मारक हथियारों की तैनाती नहीं होगी। साथ ही मास्को यह भी चाहता है कि नाटो की फौज 1997 से पहले की स्थिति में पहुंचे।

Vladimir Putin says US using Ukraine as ‘tool’ to contain Russia
यूक्रेन संकट पर बोले व्लादिमीर पुतिन।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • यूक्रेन की सीमा पर जमा हैं रूस के करीब एक लाख सैनिक
  • रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन को नाटो में शामिल किया जाए
  • अमेरिका का कहना है कि यूक्रेन पर रूस हमला कर सकता है

Ukraine Crisis : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आरोप लगाया है कि मास्को को एक दायरे में सीमित करने के लिए यूक्रेन को अमेरिका एक 'टूल' के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति ने उम्मीद भी जताई है कि यूक्रेन की वजह से जो ताजा संकट उभरा है, उसके बारे में रूस एवं पश्चिम देश कोई हल निकाल लेंगे। बता दें कि यूक्रेन को लेकर अमेरिका, पश्चिमी देशों एवं रूस के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। यूक्रेन की सीमा पर करीब एक लाख रूसी सैनिक तैनात हैं। यूक्रेन के समर्थन में अमेरिका एवं पश्चिमी देश लामबंद हैं। अमेरिका कहता आ रहा है कि रूस फरवरी में यूक्रेन पर हमला कर सकता है। 

पुतिन ने पूछा-क्या हम नाटो से लड़ेंगे?

पुतिन ने कहा कि 'कल्पना करिए यूक्रेन नाटो में शामिल हो जाता है और रूस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर देता है। तो क्या हमें नाटो से लड़ना चाहिए? क्या किसी ने इस बारे में कभी सोचा है?'

रूस की चिंताओं का अभी जवाब नहीं मिला-पुतिन

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन का कहना है कि रूस की सुरक्षा चिंताओं पर अमेरिका एवं नाटो ने अभी तक जवाब नहीं दिया है और उनकी तरफ से अब तक जो बातें कही गई हैं वे अपर्याप्त हैं। मास्को में हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के साथ बातचीत के बाद पत्रकारों से बातचीत में पुतिन ने कहा, 'यह पहले से स्पष्ट है कि रूस की जो वाजिब चिंताओं हैं उन्हें नजरंदाज किया जा रहा है।' यूक्रेन संकट पर यह पुतिन का सबसे ताजा बयान है। पिछले कुछ समय से उन्होंने इस संकट पर कुछ नहीं कहा था। 

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रूस चाहता है कि नाटो में शामिल न हो यूक्रेन

रूस इस बात की गारंटी चाहता है कि नाटो में यूक्रेन को शामिल नहीं किया जाएगा और रूसी सीमा के समीप मारक हथियारों की तैनाती नहीं होगी। साथ ही मास्को यह भी चाहता है कि नाटो की फौज 1997 से पहले की स्थिति में पहुंचे। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा लगता है कि यूक्रेन के जरिए अमेरिका उनके देश पर और प्रतिबंध लगाना चाहता है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर अमेरिका ज्यादा चिंतित नहीं है। वह रूस के विकास को रोकना चाहता है। मैं उम्मीद करता हूं कि अंत में हम किसी हल पर पहुंच जाएंगे लेकिन यह आसान नहीं है।'

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