Badri 313: क्या है तालिबान की कमांडो यूनिट बद्री 313? आखिर क्यों हो रही इसकी चर्चा

Badri 313: तालिबान की बद्री 313 यूनिट चर्चा का विषय बनी हुई है। इसके माध्यम से तालिबान अपनी छवि सुधारना चाहता है। बद्री 313 के लड़ाकू तालिबान के सामान्य लड़ाकू से बिल्कुल अलग होते हैं।

badri 313
तालिबान के विशेष बल के लड़ाके  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • तालिबान इस बार अपनी छवि बदलना चाहता है
  • बद्री 313 के लड़ाकों के पास कई आधुनिक हथियार हैं
  • सामान्य तौर पर तालिबान के लड़ाके अलग ड्रेस में होते हैं

अफगानिस्तान की राजधानी पर नियंत्रण करने के बाद से तालिबान ने विभिन्न ऑनलाइन प्रचार चैनलों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच खुद की स्वीकार्यता को पुनः स्थापित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। हाल के दिनों में इसकी नई बद्री 313 पैरामिलिट्री यूनिट की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर घूम रहे हैं। इससे कट्टरपंथी इस्लामी समूह दुनिया को यह बताना चाहता है कि वह एक पेशेवर अच्छी तरह से सुसज्जित सैन्य बल में बदल गया है।

तालिबान के स्पेशल कमांडो

ज्यादातर तस्वीरों में तालिबान के लड़ाके कुर्ते-पंजामे, पगड़ी और चप्पल में देखा जाता है। लेकिन बद्री 313 के लड़ाके वर्दी, सैन्य जूते, बॉडी आर्मर, घुटने के पैड पहने हुए दिखाई देते हैं। उनके पास रेडियो होता है, उनके पास आधुनिक राइफलों से लेकर बख्तरबंद वाहन हैं। 313 यूनिट को ऑनलाइन शेयर की गई तस्वीरों और वीडियो में काबुल की सड़कों पर गश्त करते देखा जा सकता है। ये किसी भी अन्य कमांडो की तरह दिखते हैं। इनके हेलमेट पर नाइट विजन डिवाइस होता है, ये बुलेट प्रूफ जैकेट में होते हैं। 

ऐसे पड़ा बद्री 313 नाम

कथित तौर पर 1400 साल पहले बद्र की लड़ाई के नाम पर यूनिट का नाम है, जिसका कुरान में उल्लेख किया गया है। माना जाता है कि पैगंबर मोहम्मद ने सिर्फ 313 पुरुषों के साथ एक दुश्मन सेना पर काबू पा लिया था। तालिबान बद्री 313 के माध्यम से बताना चाह रहा है कि वो पहले की तुलना में अधिक संगठिक है और अब आधुनिक है। रिपोर्टों के अनुसार, शक्तिशाली हक्कानी नेटवर्क के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये औसत तालिबान लड़ाके की तुलना में बहुत बेहतर प्रशिक्षित हैं। 

अमेरिकी हथियार आए तालिबान के पास

इनके पास वो आधुनिक हथियार हैं, जो अमेरिका ने अफगानिस्तान को दिए थे। अब इन पर तालिबान का कब्जा हैं। अमेरिका आतंकी तालिबान के हाथ करीब 9 लाख छोटे बड़े हथियार छोड़कर गया है। ये इतने हथियार हैं कि तालिबान किसी भी देश में तबाही ला सकता है। हथियारों की मात्रा इतनी ज्यादा है जो कुछ बड़े देशों के पास भी नहीं है। तालिबान के कब्जे में अमेरिका के करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये के हथियार, विमान और दूसरे सैन्य साजो-सामान हैं। तालिबान के पास अब अमेरिकी सेना के अरबों डॉलर मूल्य के उपकरण मौजूद हैं। इनमें 75 हजार वाहन, 200 से ज्यादा एयरक्राफ्ट्स और 6 लाख से ज्यादा छोटे हथियार शामिल हैं। तालिबान के पास अब दुनिया के 85 फीसदी देशों से ज्यादा ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर मौजूद हैं। उनके पास नाइट विजन गॉगल्स, बॉडी ऑर्मर्स और मेडिकल सप्लाई हैं। तालिबान के पास अब उन अफगान लोगों के बायोमैट्रिक रिकॉर्ड्स, उनके फिंगरप्रिंट्स और आंखों के स्कैन्स मौजूद हैं। 

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