I2U2 summit: क्या है आई2यू2 समिट, भारत-अमेरिका, यूएई-इजरायल की नई युगलबंदी    

What is I2U2 summit: मन में सवाल उठ सकता है कि अचानक से यह समूह कहां से अस्तित्व में आ गया। तो यह समूह अचानक से अस्तित्व में नहीं आया है। दरअसल, इसका नाम थोड़ा सा बदल दिया गया है। अक्टूबर 2021 में पश्चिम एशिया क्वाड के बारे में चर्चा चली थी।

What is I2U2 summit: a new group to strengthen ties among India, Israel, US & UAE
इस समूह के जरिए मध्य पूर्व में पहले से ज्यादा प्रभावी होगा भारत। 

I2U2 summit: पिछले कुछ वर्षों में नए-नए संगठन एवं समूह उभरे हैं जो दुनिया के भू-स्थानिक परिदृश्य को नए सिरे से गढ़ रहे हैं। आपसी सहयोग एवं साझेदारी के लक्ष्यों पर आधारित चार-चार, पांच-पांच देशों के ये समूह अपने रणनीतिक हितों को ज्यादा प्रभावी बनाने में लगे हैं। ऐसे ही एक नया समूह उभरा है जिसका नाम  I2U2 है। इस नए समूह के बारे में अमेरिका ने घोषणा की है जिसमें तीन अन्य देश भारत, इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात हैं। इजरायल एवं यूएई मध्य एशिया के देश हैं। भारत और इजरायल के लिए आई 2 और अमेरिका एवं यूएई के लिए यू 2 का इस्तेमाल हुआ है। 

क्या है I2U2
मन में सवाल उठ सकता है कि अचानक से यह समूह कहां से अस्तित्व में आ गया। तो यह समूह अचानक से अस्तित्व में नहीं आया है। दरअसल, इसका नाम थोड़ा सा बदल दिया गया है। अक्टूबर 2021 में पश्चिम एशिया क्वाड के बारे में चर्चा चली थी। अक्टूबर में हुए इस वर्चुअल समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित इन तीन देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए थे। उस समय औपचारिक रूप से इस समूह को वेस्ट एशिया क्वाड के रूप में मान्यता नहीं दी गई। इसका एक बड़ा कारण क्वाड नाम से चीन की चिढ़ हो सकती है।   

एक-दूसरे की खूबियों का बेहतर इस्तेमाल करेंगे ये देश
अमेरिका ने अब इसी समिट का नाम आई2यू2 कर दिया है। अक्टूबर 2021 के इस समिट में इस समूह के बारे में बताया गया था कि चार देश आपस में एक दूसरे का सहयोग कर सकेंगे। समिट में जिन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई उसमें बुनियादी संरचना, तकनीक, सामुद्रिक सुरक्षा, कारोबार शामिल थे। ये चारों देशों एक दूसरे की खूबियों को अपने यहां बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने का इरादा रखते हैं। जाहिर है कि इस ग्रूप से मध्य पूर्व में भारत का प्रभाव पहले से कहीं ज्यादा बढ़ेगा और उसके रणनीतिक हित ज्यादा सुरक्षित होंगे।  

13 से 16 जुलाई तक बाइडेन का दौरा
अमेरिका ने कहा है कि वह जुलाई महीने में एक वर्चुअल समिट की मेजबानी करने जा रहा है। जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन मध्य पूर्व के दौरे पर जाएंगे। उनके इस दौरे में इजरायल एवं वेस्ट बैंक का मुद्दा प्रमुख रहने वाला है। बाइडेन की योजना फलस्तीन के वेस्ट बैंक वाले हिस्से में जाने की भी है। फिर यहां से वह सऊदी अरब जाएंगे। राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन की यह पहली सऊदी अरब और इजरायल की यात्रा है। बाइडन जब सीनेटर थे तब इजरायल गए थे। उनका यह दौरा 13 से 16 जुलाई के बीच होना है। उनकी इस यात्रा के दौरान आई2यू2 की वर्चुअल समिट होगी जिसे इन चारों देशों के राष्ट्राध्यक्ष संबोधित करेंगे। चर्चा है कि पीएम मोदी अगले महीने यूएई के दौरे पर जा सकते हैं। 

नए समूह को लेकर ज्यादा सक्रिय है अमेरिका
नए समूहों में अमेरिका की भूमिका अहम होती जा रही है। बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद समूह बनाए जाने को लेकर वह ज्यादा सक्रिय दिखे हैं और उन्होंने कई पहल की है। उन्होने अमेरिका के नेतृत्व वाले पुराने संगठनों जैसे कि नाटो, यूरोपीय संघ एवं समूहों में नया जोश एवं नई जान फूंकने की कोशिश की है। इन समूह में शामिल देशों के साथ उन्होंने अमेरिकी भागीदारी को मजबूत किया है। नए समूह ऑकस ग्रुप में ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका हैं। इसके अलावा उन्होंने अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं उज्बेकिस्तान को लेकर क्वाडिलेट्रल डायलॉग शुरू की है। 

अमेरिका ने कई संगठनों में वापसी की है
डोनाल्ड ट्रंप जब राष्ट्रपति थे तो अमेरिका पेरिस समझौते, डब्ल्यूएचओ, ईरान न्यूक्लियर डील और अन्य संगठनों से दूर हुआ लेकिन बाइडेन के आने के बाद इन सभी संगठनों में अमेरिका ने वापसी की है। दुनिया में अपना दबदबा एवं प्रभुत्व बढ़ाने के लिए एक ओर अमेरिका पुराने संगठनों एवं समूहों में पुरानी रवानगी पैदा करने से साथ-साथ छोटे समूहों को निर्माण कर रहा है। नाटो, यूरोपीय संघ, जी-20, जी-8 जैसे बड़े संगठन तो पहले से मौजूद हैं अब नए एवं छोटे समूह सामरिक एवं रणनीतिक हितों को परिभाषित कर रहे हैं। 


 

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