कौन है खूंखार चेचन स्पेशल फोर्स, जिसे पुतिन ने यूक्रेन के नेताओं को चुन-चुन कर मारने का दिया है टारगेट !

Chechen Special Forces: रूसी सेना को मजबूत करने के लिए लगभग 10,000 चेचन सैनिकों को यूक्रेन भेजा जा रहा है। चेचन फोर्स चेचन्या की फेडरल गार्ड सर्विस की दक्षिणी बटालियन के लड़ाके हैं।

Chechen Special Force
चेचन की स्पेशल फोर्स पहुंच रही है यूक्रेन   |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • चेचन्या के प्रधानमंत्री रमजान कादिरोव ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का समर्थन करने के लिए चेचन सैनिकों को भेजा जा रहा है।
  • चेचन फोर्स को उनकी ताकत और बर्बरता की वजह से हंटर के नाम से भी जाना जाता है।
  • चेचन में ऐसे कई नृजातीय समूह हैं, जो हजारों वर्षों से उत्तरी काकेशस के ऊंचाई वाले इलाकों में रहते हैं।

Russia-Ukraine War :जैसे-जैसे युद्ध लंबा खिंचता जा रहा है, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और खतरनाक होते जा रहे हैं। पहले तो उन्होंने यूक्रेन को जज्बे को कमजोर करने के लिए  परमाणु निवारक बल (Russian Nuclear Deterrent Forces)को हाई अलर्ट कर दिया । और अब उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky)सहित यूक्रेन की प्रमुख लीडरशिप की हत्या के लिए खतरनाक चेचेन फोर्स को यूक्रेन जाने की हरी झंडी दे दी है। 

चेचन्या के प्रधानमंत्री रमजान कादिरोव ने बीते शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर बताया कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का समर्थन करने के लिए चेचन सैनिकों को भेजा जाएगा। ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में, कादिरोव ने  रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले को भी सही ठहराया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह पुतिन के आदेशों को किसी भी परिस्थिति में पूरा करने के लिए तैयार रहेंगे। कादिरोव को रूस का प्रबल समर्थक माना जाता है।  जो खुद को रूसी "फुट सोल्डर" कहते हैं। और चेचन फोर्स को उनकी ताकत और बर्बरता की वजह से हंटर के नाम से भी जाना जाता है।

10 हजार सैनिक भेजे गए

कादिरोव ने कहा है कि रूसी सेना को मजबूत करने के लिए लगभग 10,000 चेचन सैनिकों को यूक्रेन भेजा जा रहा है। चेचन फोर्स चेचन्या की फेडरल गार्ड सर्विस की दक्षिणी बटालियन के लड़ाके हैं। ऐसा माना जाता है चेचन के लड़ाके जंगलों में ही रहते हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार मॉस्को टेलीग्राम चैनल ने बताया कि प्रत्येक चेचन सैनिक को यूक्रेन के अधिकारियों की तस्वीरों और उनकी पूरी जानकारी के साथ एक विशेष 'कार्ड ' दिया है। जिससे वह यूक्रेन के नेताओं को टारगेट कर सकें।

कौन हैं चेचन

चेचन एक ऐसे कई नृजातीय समूह (Ethnic Group) हैं जो हजारों वर्षों से उत्तरी काकेशस के ऊंचाई वाले इलाकों में रहते हैं। 1917 में, विभिन्न जातीय समूह, जिसमें बहुसंख्यक मुस्लिम थे, उन्होंने रूस से स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। और उन्हें विभिन्न वैश्विक देशों द्वारा मान्यता भी दी गई। लेकिन सोवियत संघ ने बाद में आक्रमण कर चेचेनो-इंगुश स्वायत्त सोवियत समाजवादी गणराज्य की स्थापना कर दी। सोवियत संघ के कब्जे के बावजूद चेचन लोगों का विरोध जारी रहा। जिसे देखते हुए स्टालिन ने चेचन लोगों को पुनर्वास के नाम पर साइबेरिया भेज दिया। ऐसे माना जाता है कि इस विस्थापन में आधे से ज्यादा चेचन नागरिकों की मौत हो गई। और वर्षों बाद निकिता ख्रुश्चेव के नेतृत्व में, चेचन लोगों को 'डी-स्टालिनाइजेशन' के रूप में जाने जानी वाली अवधि के दौरान अपने वतन लौटने की अनुमति दी गई। हाल ही में, यूरोपीय संघ ने इस निर्वासन को एक नरसंहार के रूप में मान्यता दी है।

1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद चेचन गणराज्य का गठन हुआ और इसकी वजह से नए गठित रूस के साथ स्थिति और खराब हो गई। और 1994 में रूस ने चेचन पर आक्रमण कर दिया। इसके कारण पहला चेचन युद्ध हुआ और इस युद्ध में चेचन गणराज्य ने रूसी सेना को हरा दिया। इस प्रकार उसने 1995 में वास्तविक स्वतंत्रता प्राप्त की। लेकिन पुतिन के रूस की सत्ता संभालने के बाद वर्ष 2000 में फिर से चेचन पर हमला किय गाया। जिसकी वजह से दूसरा रूस-चेचेन युद्ध हुआ। जून 2000 में रूस ने अखमत केदिरोव को चेचन्या का नेता घोषित किया। अखमत केदिरोव पहले अलगाववादी थे, लेकिन बाद में रूस के साथ आ गए । 2007 में, अखमत कादिरोव एक बम विस्फोट में मारे गए। उसके बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनके बेटे रमजान कादिरोव को उत्तराधिकारी के रूप में चुना और वह तब से रूसी समर्थक के रूप में देश चला रहे हैं।

यूक्रेनी सेना का बड़ा दावा

इस बीच डेली मेल कि रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि चेचेन के 56 टैंकों काफिले को कीव के उत्तर-पूर्व में होस्टोमेल के पास यूक्रेनी मिसाइल ने उड़ा दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि इस हमले में कितने सैनिक मारे गए है लेकिन उनकी संख्या सैकड़ों में हो सकती । इस हमले में चेचन जनरल मैगोमेद तुशेव के भी मारे जाने का दावा किया गया है। अगर यह दावा सही है तो यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के लिए बड़ा झटका साबित होगा।
 

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