Queen Elizabeth II को आखिरी सलाम, अंतिम यात्रा में भाग लेंगे करीब 100 देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री

Queen Elizabeth II को आज दुनिया आखिरी सलाम करने वाली है, उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी हो चुकी है। आज होने वाले इस कार्यक्रम को पिछले 100 सालों का सबसे बड़ा इवेंट माना जा रहा है।

Last salute to Queen Elizabeth II, Presidents and Prime Ministers of about 100 countries will participate in the last rites
Queen Elizabeth II की अंतिम यात्रा... आखिरी सलाम   |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • अंतिम दर्शन के लिए जुटे लोग, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी श्रद्धांजलि
  • ब्रिटेन में क्वीन के अंतिम दर्शन के लिए उमड़े लोग
  • अंतिम संस्कार से पहले महारानी को देखने के लिए लोग वेस्टमिंस्टर हॉल के बाहर भूखे-प्यासे खड़े हैं हजारों लोग

Queen Elizabeth II Funeral: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को आज दुनिया आखिरी सलामी देगी। अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आज होने वाले इस कार्यक्रम को पिछले 100 सालों का सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है। महारानी को अंतिम विदाई देने के लिए करीब 100 देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ब्रिटेन पहुंचे हैं.. इसके अलावा दर्जनों छोटे देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। वेस्टमिंस्टर एबे में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, चीन के उप राष्ट्रपति वांग क्विशान और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन लंदन पहुंच चुके हैं। वहीं सुरक्षा के भी भारी इंतजाम हैं। वहीं महारानी के अंतिम संस्कार के समय पूरे ब्रिटेन में दो मिनट का राष्ट्रीय मौन रहेगा।

96 साल की उम्र में हुआ निधन

बता दें कि महारानी एलिजाबेथ-II का 8 सितंबर को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया था। 96 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होने लगातार कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष पहुंच रहे हैं। आपको ये भी बता दें कि महारानी के  राजकीय अंतिम संस्कार के लिए ब्रिटेन के 100 से अधिक सिनेमाघरों और पार्कों में बिग स्क्रीन लगाया जा रहा है।  महारानी की आखिरी विदाई की और क्या क्या तैयारियां है।

राष्ट्रीय शोक

18 वीं शताब्दी के बाद से सभी ब्रिटिश शासकों को विंडसर में दफनाया गया था। एक अरसे तक विंडसर पैलेस के भीतर ही अंतिम संस्कार हुआ करते थे लेकिन साल 1901 में 63 साल के लंबे शासन के बाद महारानी विक्टोरिया के निधन के साथ परिवर्तन शुरू हुए ताकि राजशाही के साथ जनता का जुड़ाव बढ़ाया जा सके। क्वीन विक्टोरिया के अंतिम संस्कार के दिन को राष्ट्रीय शोक का दिन घोषित किया गया और इस दिन सभी काम बंद रहे। ऐसा इस उम्मीद में किया गया था कि बड़ी संख्या में लोग स्मारक चर्च सेवाओं में भाग ले सकें जो तब सार्वजनिक दुख और सम्मान व्यक्त करने का बड़ा जरिया था।

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अंतिम संस्कार से पहले की तैयारियां

 ब्रिटेन के 100 से ज्यादा सिनेमाघरों और पार्क में फ्री स्क्रीन्स पर दिखाया जाना है। अंतिम दर्शन के लिए लंदन में कड़ाके की ठंड में भी हजारों की संख्या में लोगों ने लाइनों में लगकर क्वीन के अंतिम दर्शन कर रहे हैं। लाइन में खड़े डेविड बेकहम जैसे दिग्गज फुटबॉलर इस दौरान लोगों के अट्रैक्शन का सेंटर रहे।  महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की अंतिम यात्रा में ब्रिटेन की थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सैकड़ों सैनिक भी हिस्सा लें रहे हैं। अंतिम संस्कार वेस्टमिंस्टर एबे में होगा जिसमें 60 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष या प्रतिनिधि सहित करीब 2,000 वीवीआईपी शामिल हो रहे हैं।        

क्वीन सिर्फ नाम की ही महारानी नहीं थीं, उनके दिल में आम जनता के लिए भी वही जगह थी। जो देशों के राष्ट्राध्यक्षों, राजदूतों राजनयिकों और ग्लोबल नेताओं के लिए हुआ करती थी। तभी तो आज आम से लेकर खास तक हर कोई महारानी का अंतिम दर्शन करने को आतुर है । बस आखिरी बार करीब से क्वीन का दीदार करना चाहता है।

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