इमरान खान के दावे को पाक सेना ने नकारा, नहीं दिए तीन विकल्प मिलने के लिए बुलाया था

इमरान खान ने कहा था कि सेना की तरफ से उन्हें तीन विकल्प दिए गए थे। लेकिन अब इसमें ट्विस्ट आ गया है। सेना ने साफ कर दिया है कि विकल्प नहीं मिलने के लिए बुलाया गया था।

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इमरान खान के दावे का पाक सेना ने नकारा, नहीं दिए तीन विकल्प मिलने के लिए बुलाया था 
मुख्य बातें
  • हाल ही में पाक आर्मी चीफ और इमरान खान में मुलाकात हुई थी
  • 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है
  • अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान खान ने इस्तीफा देने से किया था इंकार

3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी उससे ठीक पहले संसद के चारों तरफ रेड जोन बनाया गया है। इस जोन में केवल सांसदों को आने की इजाजत होगी। संसद की तरफ आने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। इन सबके बीच चर्चा यह आम हो चली है कि जब इमरान खान और आर्मी चीफ के बीच मुलाकात हुई थी तो क्या सेना की तरफ से इमरान खान को तीन विकल्प दिए गए थे। दरअसल इमरान खान दावा कर चुके हैं कि उन्हें सेना की तरफ से तीन विकल्प दिये गए थे। लेकिन पाक आर्मी ने तीन विकल्प के दावे को गलत बताते हुए कहा कि इमरान खान को मुलाकात के लिए बुलाया गया था। 

सरकार के कहने पर हुई थी मुलाकात
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के महानिदेशक ने बुधवार को सत्तारूढ़ सरकार के अनुरोध पर पाकिस्तान के पीएम से मुलाकात की। इमरान खान से मुलाकात के बाद उन्होंने विपक्ष से मुलाकात की और बताया कि क्या चर्चा हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना तटस्थ रहती है और इमरान खान और विपक्ष को बैठकर मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

विकल्प क्या थे

  1. इस्तीफा
  2. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा
  3. चुनाव

चुनाव वाला विकल्प बेहतर था
एआरवाई न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में इमरान खान ने कहा कि तीन विकल्पों में से उन्होंने चुनाव को सबसे अच्छा पाया। उन्होंने कहा कि मैं इस्तीफा देने के बारे में सोच भी नहीं सकता और जहां तक अविश्वास प्रस्ताव का सवाल है मैं अंत तक लड़ने में विश्वास रखता हूं। चूंकि उनकी पार्टी के कई सदस्य विपक्ष में चले गए हैं, उन्होंने कहा कि चुनाव हो तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि हम ऐसे लोगों (दलबदलुओं) के साथ सरकार नहीं चला सकते।

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क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि अगर नंबर गेम की बात करें तो इमरान खान सत्ता से हाथ धो बैठे हैं। लेकिन सियासत में राजनेता आखिरी सांस तक उम्मीद नहीं छोड़ते। कुछ वैसी ही हालत इमरान खान की है। इमरान खान अपनी सरकार को बचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। उन्हें पता है कि सेना का भी साथ नहीं मिल रहा है। ऐसे में वो खुद को पीड़ित के तौर पर पेश करना चाहते हैं ताकि जनता को संदेश दे सकें कि किस तरह से उनकी राह में रोड़े अटकाने की कोशिश की जा रही है। वो ज्यादा से ज्यादा सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं जिसका फायदा चुनावों में हासिल हो सके।

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