काबुल : अफगानिस्तान को कब्जाने वाला तालिबान भले अपने भीतर बदलाव की बात करे, लेकिन उसके दावों पर यकीन कर पाना हर किसी के लिए मुश्किल हो रहा है। बीते कुछ समय में अफगानिस्तान से कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जो तालिबान के उसी क्रूर दौर की याद दिलाते हैं, जिसे अफगानिस्तान सहित पूरी दुनिया ने 1990 के दशक में देखा था। तालिबान के उसी क्रूर चेहरे को उजागर करने वाला एक और वीडियो सामने आया है।
काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने न केवल दुनिया को यह बताने की कोशिश की कि मौजूदा शासन 1996 से 2001 के उस दौर से अलग होगा, जब अफगानिस्तान में तालिबान का राज था और कई सख्त पाबंदियों के साथ-साथ क्रूर सजा का भी प्रावधान था, बल्कि यह भी बताया कि महिलाओं को शिक्षा और कामकाज की अनुमति होगी और किसी के भी खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन सबकुछ हो वैसा ही रहा है, जिसकी आशंका थी।
तालिबान न केवल महिलाओं को कामकाज से रोक रहा है, बल्कि बदले की कार्रवाई भी कर रहा है। तालिबान लड़ाकों ने अब अफगानिस्तान के बदगीश प्रांत के पुलिस चीफ हाजी मुल्ला अचकजई की हत्या कर दी, जो अभी तरह उसके खिलाफ लड़ रहे थे। तालिबान लड़ाकों के हेरात के पास गोली मारकर हत्या कर दी। इतना ही नहीं, इससे पहले उन्होंने पुलिस अफसर को यातना भी दी, जिसकी तस्दीक इस मामले में सामने आए वीडियो से होती है।
इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस चीफ के आंखों पर पट्टी और हाथ बंधे नजर आ रहे हैं।
इससे पहले तालिबान ने रविवार को कहा था कि वह अपने पुराने शत्रुओं से बदला नहीं लेगा। हालांकि इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ऐसे लोगों की जोरशोर से खोज कर रहा है, जिन्होंने पूर्व में अमेरिका और नाटो बलों के साथ मिलजुलकर काम किया। रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने अपनी प्राथमिकता सूची भी तय की है कि उसे पहले किन लोगों को गिरफ्तार करना है। ऐसे लोगों को अधिक जोखिम की आशंका जताई गई है, जो अफगान सैन्य बलों, पुलिस, खुफिया तंत्र में शीर्ष पदों पर काम कर चुके हैं।