नई दिल्ली: रेहाम ना तो पार्लियामेंट की मेंबर है और ना ही उसका सियासत से कोई ताल्लुक है लेकिन उसका खुद इमरान से करीब 9 महीने का सबसे करीबी रिश्ता रहा। फिर भी आखिर क्यों वो इमरान से इंतकाम लेना चाहती है। एक तलाकशुदा बेगम..जो अपने पूर्व शौहर से इंतकाम की आग में जल रही थी। वो लेडी जो जेंटलमैन गेम के एक्स कैप्टन की हार अपनी आंखों से देखना चाहती थी, वो ना तो पाकिस्तानी पार्लियामेंट की मेंबर है और ना ही उसका किसी पॉलिटिकल पार्टी से ताल्लुक लेकिन नेशनल असेंबली में उसकी दस्तक बहुत मायने रखती
पाकिस्तानी संसद में इमरान खान की बेगम नंबर टू रहीं रेहाम की मौजूदगी ने बहुत कुछ बयां कर दिया। करीब 9 महीने तक इमरान की राजदार रहीं रेहाम ने रिश्ते के मुकाबले में अपने पूर्व शौहर को भले वॉकओवर दे दिया लेकिन वो उन्हें भरी मजलिस में वजीर-ए-आजम की गद्दी से बेआबरू होकर बेदखल होते देखना चाहती थी।यही वजह है कि शनिवार को रेहाम ना सिर्फ नेशनल असेंबली में मौजूद रहीं बल्कि पल-पल की लाइव कमेंट्री करती रहीं। इतना ही नहीं अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बीच ही रेहान ने इमरान की हार का ऐलान तक कर दिया।
नंबर गेम में इमरान की हार वोटिंग से पहले से तय थी और इसकी खुशी जितनी विपक्षी पार्टियां को थी..उससे कहीं ज्यादा रेहाम खान को। रेहाम ने एक हफ्ते पहले भी टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत में दावा किया था कि इमरान अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं क्योंकि उनकी चालबाजियों से पाकिस्तानी अवाम उकता चुकी है लेकिन इमरान ने नेशनल असेंबली भंग कर ऐसा दांव चला कि अविश्वास प्रस्ताव धरा का धरा रह गया।यानी नियाजी अपनी पहचान की तरह माहिर चालबाज निकले।
वक्त का पहिया घूमा .पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने कानून की हनक दिखाई तो इमरान सरकार को एक बार फिर नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए लौटना पड़ा। लेकिन रेहाम ने पिछले हफ्ते ही टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत में उन्हें एक नाकाम शख्स और नेता करार दे दिया था।रेहाम ने तब भी इमरान के कई राज खोले थे..उन्हें एक नकली इंसान बताया था..इमरान की कुर्सी बचाने की हर कवायद को उनकी अदाकारी बताया था।
इमरान दावे करते हैं कि उन्होंने पौने चार साल में पाकिस्तान की तकदीर और तस्वीर बदल दी जबकि रेहाम के मुताबिक नियाजी ने मुल्क को बर्बाद कर दिया। कई साल पीछे धकेल दिया..उन्होंने इमरान को तानाशाह और सत्ता में चोर दरवाजे से दाखिल होने का इल्जाम तक लगाया।इमरान जिस खत को बार-बार पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ विदेशी साजिश बता रहे हैं..उसे भी रेहाम ने झूठा बताया था रेहाम ने तो यहां तक कह दिया कि वक्त से पहले पीएम की पारी खत्म होने में किसी और की नहीं बल्कि इमरान की खुद की साजिश है। यानी रेहाम के लफ्जों को आप यूं भी कह सकते हैं कि इमरान अपनी कुर्सी बचाने के लिए जिस हथियार को शह दे रहे थे..उसीने खान साहब को मात दे दिया।
जानिए कैसे तारीख-दर-तारीख पिछड़ते गए बड़बोले इमरान खान,और गंवानी पड़ी सत्ता