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भगोड़े माल्या,नीरव और चौकसी से बैंकों को कितने पैसे मिले वापस? केंद्र ने दी जानकारी

Updated Feb 23, 2022 | 18:10 IST

वर्ष 2016 से वर्ष 2021 के दौरान ईडी ने जांच के लिये पीएमएलए के सिर्फ 2,086 मामले स्वीकार किये जबकि ऐसे मामलों के लिये 33 लाख प्राथमिकियां दर्ज थीं।

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भगोड़ों के खिलाफ एक्शन: माल्या,नीरव और चौकसी से बैंकों में लौटे 18000 करोड़ रुपये
मुख्य बातें
  • नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माल्या और नीरव जैसे आर्थिक भगोड़ों को चेतावनी दी थी।
  • पीएम मोदी ने कहा था कि अपने देश लौट आओ।
  • सरकार अपराधियों को स्वदेश लाने के लिए सभी तरीकों का इस्तेमाल कर रही है।

नई दिल्ली। देश के कई बैंकों का पैसा लेकर भागे विजय माल्या (Vijay Mallya), नीरव मोदी (Nirav Modi) और मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। सरकार कोशिश कर रही है कि इनसे जल्द से जल्द पैसे वापस वसूले जाएं।

बैंकों को मिले 18,000 करोड़ रुपये
केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के मामले में बैंकों को 18,000 करोड़ रुपये लौटा है। तुषार मेहता ने जस्टिस ए एम खनविलकर की अगुवाई वाली खंडपीठ के समक्ष बताया कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित धनशोधन निवारण कानून (PMLA) से जुड़े मामले कुल मिलाकर 67,000 करोड़ रुपये हैं। खंडपीठ के अन्य सदस्य जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी रविकुमार हैं।

4,700 मामलों की जांच जारी
उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मौजूदा समय में 4,700 मामलों की जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि गत पांच साल के दौरान ईडी के द्वारा जांच के नये मामले वर्ष 2105-16 के 111 मामले से 2020-21 के 981 मामले के दायरे में हैं। सुप्रीम कोर्ट ईडी को पीएमएलए के तहत प्राप्त शक्तियों के वृहद दायरे को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। ईडी को पीएमएलए के तहत जांच, जब्ती, सर्च और संपत्ति जब्त करने का अधिकार है।

अन्य देशों में मनी लॉड्रिंग के लिए जाते हैं अधिक मामले
उन्होंने बताया कि पीएमएलए के तहत हर साल बहुत कम संख्या में मामलों को लिया जाता है जबकि ब्रिटेन में मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत हर साल 7,900 मामले, अमेरिका में 1,532 मामले, चीन में 4,691 मामले, आस्ट्रिया में 1,036 मामले, हांगकांग में 1,823 मामले, बेल्जियम में 1,862 मामले और रूस में 2,764 मामले दर्ज किये जाते हैं।

पिछले कुछ सप्ताह के दौरान कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, मुकुल रोहतगी, सिद्धार्थ लुथरा, अमित देसाई आदि वरिष्ठ वकीलों ने पीएमएलए में संशोधन के जरिये लाये गये प्रावधानों के संभावित दुरुपयोग से संबंधित विभिन्न पहलुओं की ओर सुप्रीम कोर्ट का ध्यानाकर्षण किया है।
(इनपुट एजेंसी- आईएएनएस)

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