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Noida International Airport (Jewar): केवल एयरपोर्ट नहीं, इन चीजों में भी जेवर बनेगा अव्वल

Updated Nov 25, 2021 | 13:07 IST

Noida International Airport (Jewar): नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ ही जेवर में कई विश्व स्तरीय प्रोजेक्ट शुरू हो रहे हैं। जो अगले 4-5 साल में ऑपरेशनल हो जाएंगे। जिसके बाद जेवर की पूरी पहचान ही बदल जाएगी।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
ऐसा होगा जेवर इंटरनेशल एयरपोर्ट
मुख्य बातें
  • जेवर में एयरपोर्ट के अलावा बड़ा इंडस्ट्रियल हब भी विकसित करने की तैयारी है। जहां अपैरल पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क आदि बनेंगे।
  • जेवर में देश का सबसे बड़ा MRO सेंटर भी बनाया जा रहा है। जो एयरक्रॉफ्ट सर्विसेज का भारत को बड़ा बाजार देगा।
  • जेवर में 1000 एकड़ में फिल्म सिटी बनाई जा रही है। जिसके 2024 से शुरू होने की योजना है।

Noida International Airport (Jewar):   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ग्रेटर नोएड में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट दुनिया का चौथा, एशिया और भारत का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। ऐसी मान्यता है कि जेवर का नाम महर्षि जावली के नाम पर पड़ा है। लेकिन अब जेवर की पहचान पूरी तरह से बदलने वाली, यहां पर एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, भारत की सबसे बड़ी फिल्म सिटी में से एक, एमआरओ सहित कई अहम योजनाओं अगले 4-5 साल में शुरू हो जाएंगगी। आज हम आपको ऐसे ही विकास योजनाओं के बारे में बता रहे हैं, जो न केवल जेवर की पहचान बदल देंगे, बल्कि भारत में भी अलगग स्थान रखेंगे-

1.नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट का आधिकारिक नाम) दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। जो करीब 5845 हेक्टेयर में बनाया जाएगा। इसके निर्माण पर करीब 29,650 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पहले चरण में 1,334 हेक्टेयर जमीन पर एक रनवे और 2- टर्मिनर तैयार होंगे। और वहां से हवाई सेवाओं का संचालन  सितंबर 2024 से शुरु करने की योजना है। यहां से एक साथ कम से कम 178 विमान उड़ान खड़े हो सकेंगे। 

जेवर एयरपोर्ट पर कुल 5 रनवे होंगे और शुरुआत में यहां से हर साल लगभग 1 करोड़ 20 लाख यात्री हवाई उड़ान भरेंगे। पहले साल 40 लाख यात्रियों की आवाजाही का अनुमान है। और इसके जरिए पहले चरण में एक लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। पहले साल एयरपोर्ट से 8 घरेलू , जबकि एक अंतरराष्‍ट्रीय फ्लाइट उड़ान की योजना है। दूसरे चरण में 2031 तक एयरपोर्ट की यात्री क्षमता 3 करोड़, 2036 में इसकी क्षमता पांच करोड़ और 2040 में 7 करोड़ यात्रियों की सालाना क्षमता होगी। इसके साथ ही 4 एक्सप्रेस-वे से जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी होगी।

2.औद्योगिक हब

इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास  फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, इलेक्ट्रॉनिक सिटी, एपैरल पार्क भी बनाए जाएंगे। कोविड-दौर में यहां पर 69 ओद्योगिक इकाइयों को जमीन आवंटित की गई  है। जिसके जरिए 2300 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। इसके अलावा डिफेंस  कॉरिडोर का अलीगढ़ नोड भी जेवर के करीब है। साथ ही दादरी में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब तथा बोडाकी में मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जा रहे हैं। इसकी वजह से इस  इलाके में बड़े पैमाने औद्योगिक विकास होने की उम्मीद है। और सर्विस सेक्टर को बड़ा बूम मिल सकता है।

3.फिल्म सिटी

जेवर में ही 1000 एकड़ में फिल्म सिटी विकसित की जा रही है। सरकार ने हाल ही में 6000 करोड़ रुपये के डीपीआर की मंजूरी दी है। फिल्स सिटी सेक्टर-21 में बनाई जा रही है। फिल्स सिटी में कॉमर्शियल प्रोजेक्ट, होटल, रेस्तरां, एम्यूजमेंट पार्क, फिल्म इंस्टीट्यूट आदि बनाए जाएंगे। फिल्म सिटी से 2024 तक शूटिंग शुरू होने की उम्मीद है। फिल्म सिटी का निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा और 2029 में फिल्म सिटी पूरी तरह से बनकर तैयार होगी। और उस वक्त तक करीब 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा।

4.देश का सबसे बड़ा MRO सेंटर

एयरक्रॉफ्ट मेंटनेंस, रिपयेरिंग और ओवरहालिंग के लिए देश का सबसे बड़ा MRO (मेंटिनेंस, रिपेयर एंड ओवरहालिंग) जेवर एयरपोर्ट के पास बनाया जाएगा। जिस पर करीब 80 हजार करोड़ रुपए निवेश की उम्मीद है।  अभी  देश का एकमात्र  MRO सेंटर नागपुर में है जो काफी छोटा है। इसलिए सारे एयरक्राफ्ट का मेंटनेंस यहां नहीं हो पता। भारत के ज्यादातर एयरक्राफ्ट अपना मेंटनेंस उसी देश में करा लेते हैं, जहां के लिए वह उड़ान भर रहे होते हैं। श्रीलंका और दूसरे देश में बड़े एमआरओ सेंटर है। 

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