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रविशंकर प्रसाद का बड़ा बयान, मोबाइल निर्माण में अब चीन को पीछे छोड़ देंगे

Updated Dec 14, 2020 | 13:13 IST

रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'अब भारत के अगले लक्ष्य के बारे में बता रहा हूं। भारत का अगला लक्ष्य मोबाइल निर्माण में चीन को पीछे छोड़ना है। इसे मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कह रहा हूं।'

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
रविशंकर प्रसाद का बड़ा बयान, मोबाइल निर्माण में अब चीन को पीछे छोड़ देंगे।

नई दिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि भारत मोबाइल का निर्माण करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। अब भारत का लक्ष्य इस क्षेत्र में चीन को पीछे छोड़ना है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए फिक्की के 93वें वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'साल 2014 में जब हम सत्ता में आए थे तो भारत में मोबाइल निर्माण की केवल दो फैक्टरियां थीं। अब देश में 260 से ज्यादा मोबाइल निर्माण फैक्टरियां हैं। अब भारत मोबाइल फोन का निर्माण करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।'

'भारत का अगल लक्ष्य चीन को पीछे छोड़ना'
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'अब भारत के अगले लक्ष्य के बारे में बता रहा हूं। भारत का अगला लक्ष्य मोबाइल निर्माण में चीन को पीछे छोड़ना है। इसे मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कह रहा हूं।' 'लिवरेजिंग आईसीटी फॉर इकॉनामिक रिवाइवल इन पोस्ट कोविड-19' शीर्षक से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि 'पिछले साढ़े पांच वर्षों में सैकड़ों सरकारी योजनाओं के जरिए करीब 13,00,000 करोड़ रुपए गरीबों के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं।'

डिजिटल इंडिया अभियान से पहुंचा लाभ
उन्होंने कहा, 'ये रकम गरीबों के खाते, मनरेगा भुगतान, गैस कनेक्शन सब्सिडी और फूड सब्सिडी के रूप में गई है। भारत की आबादी 1.3 अरब से ज्यादा है। यहां 1.2 अरब मोबाइल फोन और 1.26 अरब आधार कार्ड हैं। इनके जरिए हमने आपूर्ति की एक व्यवस्था बनाई है।' डिजिटल इंडिया अभियान से पहुंचे लाभ के बारे में प्रसाद ने कहा, 'हमने जो डिजिटल इंडिया का समावेशी मॉडल बनाया है उसका लाभ बिना किसी बिचौलिए के माध्यम से आम लोगों तक पहुंचा है।'

'वर्क फ्रॉम होम' हुआ सफल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट ने हमारे समक्ष एक बड़ी चुनौती पेश की। इस चनौती से निपटने के लिए हम 'वर्क फ्रॉम होम' के आइडिया के साथ आए। इस कार्यशैली की अपनी समस्याएं एवं जरूरतें थीं लेकिन हमने इससे जुड़ी परेशानियों को दूर किया। आज आईटी सेक्टर का 85 प्रतिशत हिस्सा घर से काम कर रहा है।

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