- श्रीनगर से सोनमर्ग के लिए बारहमासी आवागमन होगा सुलभ
- श्रीनगर को सोनमर्ग घाटी से जोड़ने के लिए 6.5 किलोमीटर लंबी टनलिंग पूरी
- टनलिंग की आकृति Z आकार की
नई दिल्ली: पर्यटन के नजरिये से बात करें तो लोग सर्दियों के सीजन में गुलमर्ग तो जा सकते थे लेकिन सोनमर्ग का रास्ता बंद हो जाता था। यही नहीं सोनमर्ग घाटी के स्थानीय लोग श्रीनगर के निचले इलाके की तरफ पलायन कर जाते थे। होटल, रेस्टोरेंट, हॉर्स राइडिंग और ट्रैकिंग का कारोबार ठप हो जाता था लेकिन अब Z-Morh टनल के पूरा हो जाने के बाद से उम्मीद है दो साल बाद पड़ने वाली ठंड में सोनमर्ग घाटी सैलानियों से गुलजार रहेगी। इलाके का चहुंमुखी विकास सम्भव होगा और रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
श्रीनगर को सोनमर्ग घाटी से जोड़ने के लिए 6.5 किलोमीटर लंबी टनलिंग कर ली गयी है यानी पूरी कर ली गई है । गगनगीर से सोनमर्ग घाटी के बीच जो रास्ता है। उसमें ठंड के दिनों में पहाड़ गिरते हैं। बर्फीले तूफान आते हैं और इस दौरान 7-8 मीटर बर्फ जम जाती है, साथ ही आवागमन बन्द हो जाता है। सोनमर्ग बाकी देश से कट जाता है। ट्रासंपोर्ट से लेकर पर्यटन प्रभावित हो जाती है। इस टनल के साथ अप्रोच रोड बनाने का काम 2022 जुलाई तक पूरा हो जाएगा और यह सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
Z- Morh टनल नाम क्यों पड़ा?
इसका नाम Z Morh टनल इसलिए रखा गया क्योंकि इसकी टनलिंग की आकृति Z आकार की है। अब टनल के फिनिशिंग का काम हो रहा है। टनल के अंदर लाइटिंग इस तरह की जाएगी कि गाड़ियों की आवजाही पर असर न हो। इसमें पॉवर बैकअप की व्यवस्था होगी ताकि भयंकर बर्फबारी के हालात में भी यातायात सुचारू रूप से चलता रहे। ये टनल श्रीनगर लेह हाइवे का एक हिस्सा है जिसमें सबसे पहले श्रीनगर से सोनमर्ग की कनेक्टिविटी शुरू की जाएगी। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर घाटी के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में है श्रीनगर लेह हाईवे को ऑल वेदर कनेक्टिविटी देना है।
इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के दिशा निर्देश में बनाया जा रहा है। लागत की बात करें तो Z-Morh टनल प्रोजेक्ट की मौजूदा लागत 2300 करोड़ है। इसका निर्माण निजी क्षेत्र की बड़ी कम्पनी एप्को इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कर रही है जिसे कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पूरा करने का अनुभव हासिल है।