लंदन: पूर्व टेस्ट अंपायर जॉन होल्डर ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) पर ‘वर्षों तक नस्लवाद करने’ का आरोप लगाया और देश में अल्पसंख्यक ग्रुप से मैच अधिकारियों की कमी की स्वतंत्र जांच की मांग की। हैंपशर के पूर्व क्रिकेटर होल्डर ने तीन दशक के करियर में 11 टेस्ट और 19 वनडे में अंपायरिंग की है। उन्होंने कहा कि अश्वेत अंपायरों को 1992 के बाद से प्रथम श्रेणी सूची में नियुक्त नहीं किया गया है।
होल्डर ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा, ‘‘मैं इंग्लैंड में 56 वर्षों से रह रहा हूं। और मैं दिल पर हाथ रखकर आपको बता सकता हूं कि मैंने पहले कभी नस्लवाद का अनुभव नहीं किया है। लेकिन अगर आप इन आंकड़ों को देखो तो आपको समझ आयेगा कि क्या हो रहा है और किसी अन्य निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल है।’’
'जैसे ड्राइविंग ना आने वाले से गाड़ी चलवाओ'
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के लिये काम करना बंद कर दिया तो मैंने ईसीबी से संपर्क किया कि मैं अपने सेवायें अंपायरों को मेंटोरिंग के लिये देना चाहूंगा। लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बल्कि पूर्व खिलाड़ियों को इस भूमिका के लिये नियुक्त किया गया जिसमें से कुछ कभी भी अंपायर की भूमिका में नहीं रहे थे। यह अजीब है। यह उसी तरह है जैसे ड्राइविंग नहीं आने वाले को ड्राइविंग सिखाने के लिये नियुक्त करना।’’
होल्डर को लंबा अनुभव है लेकिन..
वैनबर्न होल्डर अंतिम अश्वेत अंपायर थे जिन्होंने ईसीबी की प्रथम श्रेणी सूची में अंपायरिंग की थी। वेस्टइंडीज के लिये 40 टेस्ट और 12 वनडे खेल चुके वैनबर्न होल्डर को 1992 में नियुक्त किया गया था और तब से कई अश्वेत उम्मीदवारों ने इस पेशे से जुड़ने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर इस्माइल दाऊद ने भी ईसीबी पर संस्थानिक नस्लवाद करने का आरोप लगाया था।