रांची : झारखंड से एक हैरान करने वाला वाकया सामने आया है। यहां खूंटी जिले में एक गैर-सरकारी संगठन के डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया है, जिस पर आरोप है कि वह 'सहनशक्ति टेस्ट' करने के नाम पर नर्सिंग स्टूडेंट्स के साथ गलत हरकत करता था। इस मामले मामले का खुलासा तब हुआ, जब कुछ छात्राओं ने इस बारे में समाज सेविकाओं को जानकारी दी।
यह मामला नक्सल प्रभावित खूंटी जिले के तिरला इलाके का है, जहां एक गैर-सरकारी संगठन की ओर से नर्सिंग इंस्टीट्यूट चलाया जा रहा था। यहां जनजातीय लड़कियां 500 से 1000 रुपये की फीस देकर नर्सिंग की ट्रेनिंग लेती थीं। लेकिन एनजीओ का डायरेक्टर 'सहनशक्ति टेस्ट' के नाम पर उनके साथ गंदी हरकतें करता था। लड़कियों को बताया गया था कि यह उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा है।
'सहनशक्ति टेस्ट' के नाम पर छेड़खानी
एनजीओ के डायरेक्टर पर आरोप है कि वह अतिरिक्त क्लास के बहाने लड़कियों को एक-एक कर अन्य कमरे में बुलाता था और 'सहनशक्ति टेस्ट' के नाम पर उनके साथ छेड़खानी करता था। वह लड़कियों को जबरन पकड़ता था और अपने हाथ उनके कपड़ों में डाल देता था। वह लड़कियों से यह भी कहता था कि वे इस बारे में किसी को न बताएं, क्योंकि यह उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा है और लोग इसे गलत समझ सकते हैं।
बाद में हालांकि कुछ लड़कियों ने इस बारे में अपने घरवालों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से बात की, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। बाद में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को आरोपों की जांच के लिए कहा। बीडीओ के नेतृत्व में एक टीम ने यहां गोपनीय तरीके से जांच की, जिसमें एनजीओ संचालक (निदेशक) के खिलाफ आरोप सही पाए गए। इसके बाद शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में सामने आया कि यह सब काफी लंबे समय से हो रहा था और आरोपी ने बीते कुछ समय में कई ट्रेनी लड़कियों के साथ इस तरह की हरकत की।