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सड़क हादसों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस के कुछ खास सुझाव, एक नजर

Updated Sep 17, 2022 | 14:30 IST

राजधानी दिल्ली में सड़क हादसों को कम करने के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से कुछ खास सुझाव दिए गए हैं।

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हादसों को रोकने के लिए सेपरेट लेन में बस चलाने का खास सुझाव
मुख्य बातें
  • सड़क हादसों को रोकने की कवायद
  • दिल्ली पुलिस ने दिए कुछ खास सुझाव
  • बस लेन को अलग किए जाने पर जोर, बस बे की लंबाई पर भी दिया जाए ध्यान

राष्ट्रीय राजधानी में दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क डिजाइन से जुड़े हितधारकों को दिल्ली पुलिस ने कुछ सुझाव दिए हैं जिनमें फुटपाथ से अतिक्रमण हटाना,अलग बस खंड और सार्वजनिक परिवहन से जुड़े वाहनों के रुकने के लिए अलग जगह शामिल है। पुलिस द्वारा जारी ‘दिल्ली सड़क दुर्घटना मृत्यु रिपोर्ट 2021 के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में सड़क दुर्घटनाओं में पैदल यात्रियों के लिए लगातार सर्वाधिक खतरा रहा है और पिछले साल यहां हुई सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में लगभग 41 प्रतिशत पैदल यात्राी थे।दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने कहा कि रिपोर्ट में पिछले साल दिल्ली में हुई दुर्घटनाओं का विश्लेषण है।

एक्सीडेंट की जगह क्रैश शब्द का सुझाव
परंपरा से हटकर, दिल्ली यातायात पुलिस ने वार्षिक रिपोर्ट में दुर्घटना के लिए अंग्रेजी के शब्द ‘एक्सीडेंट’ की जगह ‘क्रैश’ शब्द का प्रयोग किया है, जिसका पूर्व में शीर्षक ‘दिल्ली में सड़क दुर्घटनाएं’ होता था।रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि फुटपाथ से विक्रेताओं के अतिक्रमण को हटाया जाना चाहिए और इन सेवाओं के लिए विशिष्ट स्थान दिया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि सड़क का विस्तार कर सभी बस स्टैंड पर बसों के रुकने के लिए अलग ‘बस बे’ होना चाहिए।

बस बे की लंबाई पर्याप्त हो
इसमें कहा गया है कि बस बे पर्याप्त रूप से इतने लंबे होने चाहिए कि वहां दो से तीन बस (आवश्यकता के अनुसार) रुक सकें और बस स्टैंड पर ग्रिल युक्त फाटक (जैसा कि मेट्रो स्टेशन पर अधिक भीड़ के मामले में होता है) होने चाहिए।’रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘पीरागढ़ी, सिंघु बॉर्डर, मुकरबा चौक, आईएसबीटी, धौला कुआं जैसे सभी प्रमुख चौराहों को सार्वजनिक परिवहन (डीटीसी, क्लस्टर बसों, रोडवेज बसों, ग्रामीण सेवा, आरटीवी, टीएसआर, रिक्शा, ई-रिक्शा और पैदल यात्री यातायात) की संरचना के अनुसार डिजाइन करने की आवश्यकता है।’’

ऑटो रिक्शा के लिए अलग स्टैंड का सुझाव
इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि ऑटो रिक्शा और ‘ग्रामीण सेवा’ वाहनों जैसे अन्य सार्वजनिक परिवहन वाहनों के लिए एक अलग पड़ाव स्थान होना चाहिए तथा उन्हें अलग करने और उन्हें एक ही कतार में खड़ा करने के लिए एक रेलिंग प्रदान की जा सकती है।रिपार्ट में कहा गया है कि पैदल यात्री बुनियादी ढांचे, फुट ओवर ब्रिज, सबवे, फुटपाथ और रुकने की जगह को इस तरह से डिजाइन कियाजाना चाहिए कि मुख्य सड़कों पर पैदल चलने वालों की आवाजाही को रोका जा सके, या इसे कम से कम किया जा सके।

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