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टेलर की बेटी बनी झारखंड बोर्ड 12वीं आर्ट्स की टॉपर, पत्रकार बनने की है इच्‍छा

Updated Jul 19, 2020 | 12:22 IST

Jharkhand Board 12th arts stream topper: झारखंड में 12वीं आर्ट्स स्‍ट्रीम में नंदिता हरपाल ने टॉप किया है। उसकी मेहनत और लगन छात्रों को सीख देने वाली है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
टेलर की बेटी बनी झारखंड बोर्ड 12वीं आर्ट्स की टॉपर, पत्रकार बनने की है इच्‍छा
मुख्य बातें
  • झारखंड बोर्ड की 12वीं परीक्षा के आर्ट्स में नंदिता हरपाल को सर्वाधिक अंक मिले हैं
  • नंदिता की मां जहां घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती हैं, वहीं पिता टेलर हैं
  • कड़ी मेहनत और लगन से हासिल की गई उसकी यह कामयाबी सीख देने वाली है

जमशेदपुर : झारखंड बोर्ड की 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, जिसमें नंदिता हरिपाल ने आर्ट्स स्‍टीम में टॉप किया है। नंदिता की पारिवारिक पृष्‍ठभूमि जिस तरह की है, उसमें उसका टॉप करना छात्रों को प्रेरणा देने वाला है। उनकी मां जहां घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती हैं, वहीं पिता टेलर हैं। नंदिता ने यह मुकाम अपनी मेहनत से पाया है, जो एक बार फिर साबित करता है कि सफलता का कोई शॉर्ट-कट नहीं है।

पत्रकार बनने की है इच्‍छा

जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज (JWC) की छात्रा नंदिता को 500 में से 419 अंक मिले हैं। उसे हिंदी में जहां 100 में से 90 अंक मिले हैं, वहीं भूगोल में 88, इतिहास में 85, अंग्रेजी में 82 और राजनीति विज्ञान में 74 अंक मिले हैं। नंदिता बताती हैं कि उन्‍हें परीक्षा में अच्‍छे अंक मिलने की उम्‍मीद तो थी, लेकिन उसने इसकी कल्‍पना भी नहीं की थी कि वह टॉप कर जाएगी। नंदिता अब पत्रकारिता की पढ़ाई करना चाहती हैं और भविष्‍य में इसी को अपने करियर के तौर पर अपनाने की इच्‍छा भी रखती हैं।

कभी पढ़ाई छुड़ा देना चाहते थे माता-पिता

वित्तीय कठिनाइयों की वजह से एक वक्‍त ऐसा भी था, जब नंदिता के माता-पिता मैट्रिक के बाद उसकी पढ़ाई छुड़ा देना चाहते थे। हालांकि पढ़ने की उसकी लगन और जिद को देखते हुए उन्‍होंने उसकी राह में किसी तरह की अड़चन नहीं डालने का फैसला किया। पढ़ाई सबंधी अपनी जरूरतें नंदिता ने छोटे बच्‍चों को ट्यूशन देकर पूरी की और पूरी मेहनत व ईमानदारी के साथ तैयारी करते हुए यह बड़ी कामयाबी हासिल की।

'जारी रखूंगी अपनी शिक्षा'

नंदिता कहती है, 'पढ़ाई के अतिरिक्‍त मेरे पास कोई विकल्‍प नहीं था, मैं आगे भी अपनी शिक्षा जारी रखूंगी।' नंदिता ने यह भी बताया कि वित्‍तीय कठिनाइयों के बावजूद उनके माता-पिता ने उनका पूरा साथ दिया और हर संभव कोशिश की कि उसकी पढ़ाई में किसी तरह की मुश्किल न आए। नंदिता अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी है।