लाइव टीवी

'काम मांगना मेरी फितरत नहीं..' क्यों भीष्म और शक्तिमान के बाद पर्दे पर कम ही नजर आए मुकेश खन्ना? खुद दिया जवाब

Updated Jun 09, 2020 | 09:04 IST

Mukesh Khanna career after Shaktimaan and Bhishma: 'शक्तिमान और पितामह भीष्म के हैंगओवर से बाहर निकला और काम मांगो?' सवाल कटाक्ष भरा था लेकिन मुकेश खन्ना ने पूरी बात समझाते हुए इसका जवाब दिया।

Loading ...
भीष्म और शक्तिमान के किरदार के बाद क्यों ज्यादा नहीं दिखे मुकेश खन्ना
मुख्य बातें
  • 'शक्तिमान और पितामह भीष्म के हैंगओवर से बाहर निकलो और कुछ अच्छे रोल्स करो?'
  • सोशल मीडिया यूजर के कमेंट का मुकेश खन्ना ने दिया जवाब
  • क्यों भीष्म और शक्तिमान के बाद पर्दे पर कम ही नजर आए मुकेश खन्ना? बताई अपने करियर की पूरी कहानी

मुंबई: मुकेश खन्ना... लंबे समय से पर्दे पर किसी बेहद असरदार रोल में नजर नहीं आने के बावजूद यह एक ऐसा नाम है जो अपने बेहद पुराने किरदारों को लेकर आज भी लोगों के दिलोदिमाग बसा हुआ है। एक युवा एक्टर जिसने पहले बी. आर. चोपड़ा की महाभारत में पितामह भीष्म के रोल में जान फूंकी और उसके बाद शक्तिमान के जरिए घर घर पहचाने जाने लगे। कई बार फैंस के मन में ये सवाल उठ सकता है कि करियर की शुरुआती चरण में इतने शानदार प्रदर्शन के बाद मुकेश खन्ना कहां गुम हो गए और उन्हें किसी फिल्म या टीवी शो में और बेहतर किरदार क्यों नहीं मिले? आखिर मुकेश खन्ना पर्दे पर इतने कम क्यों नजर आते हैं?

एक सोशल मीडिया ने झुंझलाहट और निशाना साधने वाले लहजे में कटाक्ष करते हुए मुकेश खन्ना से यह सवाल कर ही लिया। उनसे लिखा, 'अब शक्तिमान और भीष्म पितामह जैसे कैरेक्टर्स के हैंगओवर से बाहर निकलो और कुछ अच्छे रोल्स करो।' कुछ पुरानी तस्वीरें शेयर करते हुए इस सवाल के जवाब में मुकेश खन्ना ने एक लंबा पोस्ट लिखा। आइए जानते हैं टीवी के शक्तिमान के करियर की कहानी उन्हीं की ज़ुबानी।

मांगना मेरी फितरत में नहीं और बात भी शर्म की नहीं.. मुकेश खन्ना ने लिखा, 'किसी ने अपने कामेंट्स में मुझ पर कटाक्ष किया है कि में अपने पितामह शक्तिमान के हैंगओवर से बाहर निकलूँ। कि मैं अपनी ना माँगने की आदत से बाहर निकलूं ताकि मुझे और अच्छे रोल मिल सकें। मेरा जवाब था- मांगना मेरी फ़ितरत में नहीं। उसने कहा मांगने में क्या शर्म। बड़े बड़े ऐक्टर मांगते हैं। उसने चंद बड़े ऐक्टर्स का नाम लिए ये भी काम मांगते है। उस महाशय के माध्यम से आज मैं आप सभी को ये कहना चाहूंगा, बात शर्म की नहीं, सोचने के अन्दाज़ की है।'

बिन मांगे की 60 फिल्में: लोकप्रिय कलाकार ने कहा, 'मैंने आज तक किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया। 60 फ़िल्मे बिन मांगे की हैं। मैं इतना भी बुरा ऐक्टर नहीं कि मुझे रोल्ज़ ऑफ़र ना हों। समस्या ये है मैं ओवर चूज़ी हूं। मैं अपने ज़मीर की, अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनता हूं। मैं वही रोल करता हूं जो मुझे संतुष्टि दे। मैं पैसों के लिए रोल्ज़ नहीं करता। मुझे पता है कि मैं विलेन के लिए हां कह दूं तो निर्माताओं की लाइन लग जाए। पर मेरी अंतरात्मा मुझे इसकी इजाज़त नहीं देता।'

अमरीश पुरी की मौत के चार दिन बाद.... अपनी बात एक पुरानी घटना से समझाते हुए मुकेश ने कहा, 'एक घटना बताऊं तो आपको मेरी बात पूरी तरह से समझ आ जाएगी। अमरीश जी के चौथे में हम सब शांत बैठे थे। मेरे सेक्रेटेरी ने मुझे धीरे से कहा प्रेस में एक नोट डाल दो कि अमरीशजी का रेप्लेस्मेंट आप हो। मैंने हैरान हो कर कहा अभी चार दिन भी नहीं हुए उनकी डेथ को और आप ऐसी घटिया बात बोल रहे हो। अमरीशजी ग्रेट ऐक्टर थे।मैं उनकी बराबरी नहीं कर सकता। 90 प्रतिशत से ज़्यादा उनके रोल्ज़ नेगेटिव थे जो मैं 100 प्रतिशत नहीं कर सकता।'

मांगूंगा तो दिल की नहीं सुन पाऊंगा: 'मैं इस लिए काम नहीं मांगता क्योंकि देने वाले जब देंगे तो मुझे रोल करना पड़ेगा चाहे वो नेगेटिव हो या पॉज़िटिव। क्योंकि आपने मांगा था। हाथ आपने फैलाया था।'

पैसों के लिए काम नहीं करता: मैं करोड़ों कमाने के लिए रोल नहीं करता। मैं दूसरों के लिए नहीं अपने लिए रोल करता हूं। मैं वो रोल करता हूं जो मेरे अंदर से निकलता है। इसलिए शायद अच्छा करता हूं। मैं अंत में उस महाशय से कहना चाहूंगा कि सच है मैं फ़िल्मों में कम दिखता हूं। लेकिन जब दिखता हूं , तो सचमुच दिखता हूं।'

Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।