- बप्पी लहरी का 15 फरवरी, 2022 को निधन हो गया था।
- बप्पी लहरी का इलाज कर रहे डॉक्टर ने बताया कैसी थी उनकी सेहत।
- डॉक्टर ने बताया कि बप्पी लहरी को जब अस्पताल लाया गया तब उनकी हालत बहुत खराब थी।
Bappi Lahiri Doctor on His Health: म्यूजिक डायरेक्टर बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) का 15 फरवरी, 2022 को देर रात निधन हो गया, जिसके बाद 17 फरवरी को उनका अंतिम संस्कार किया गया जिसमें तमाम बॉलीवुड सेलेब्स शामिल हुए। बप्पी दा पिछले कुछ समय से ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था। इसके अलावा पिछले कुछ वक्त से उनके फेफड़ों में दिक्कत थी साथ ही उनके गले में भी इंफेक्शन था।
क्या कोरोना होने के बाद हुए कॉम्प्लिकेशन?
बप्पी लहरी के निधन के बाद ईटाइम्स ने उनके डॉक्टर से बात की। सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. दीपक नामजोशी ने बताया कि मंगलवार (15 फरवरी) की रात को बप्पी लहरी को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की गई लेकिन वो जिंदगी की जंग हार गए। डॉ. दीपक से पूछा गया कि क्या उनके निधन की वजह कोविड-19 के बाद होने वाली कॉम्प्लिकेशन हो सकती हैं? इसपर डॉक्टर ने कहा, 'नहीं। बप्पी दा को लंबे समय से सेहत से जुड़ी समस्याएं थीं। हां, अप्रैल 2021 में उन्हें कोरोना हुआ था, लेकिन अब जो हुआ उसे कोविड के बाद की कॉम्प्लिकेशन नहीं कहा जा सकता। यह OSA (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया) और चेस्ट इंफेक्शन के कारण हुआ, जो उन्हें मोटापे के कारण हुआ था। बहुत से मोटे लोगों में OSA होता है।'
क्या बदल गई थी बप्पी दा की आवाज?
बप्पी दा की आवाज में बदलाव को लेकर डॉ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हां उनकी आवाज बदल गई थी। उन्होंने कहा, 'हां, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह रात में सांस लेने के लिए बाइपास मशीन का इस्तेमाल कर रहे थे। जब कोई बाइपास मशीन पर होता है तो इससे गले में सूखापन आ जाता है जो आवाज को प्रभावित कर सकता है।' इसके साथ ही डॉक्टर ने बताया कि पिछले एक साल में बप्पी लहरी 3- 4 बार अस्पताल में भर्ती हुए थे। पिछली बार वो दो- तीन महीने पहले अस्पताल में एडमिट हुए थे। डॉ. ने कहा, 'इस बार वो 29 दिन अस्पताल में भर्ती थे जिनमें से 15 दिन वो आईसीयू में थे।'
OSA को लेकर डॉक्टर ने कही ये बात
डॉक्टर से पूछा गया कि क्या बप्पी दा को दिल, किडनी या लीवर से जुड़ी कोई समस्या थी? इसपर उन्होंने कहा, 'कुछ भी गंभीर समस्या नहीं थी। लेकिन ओएसए में कोई भी अंग बिना किसी चेतावनी के काम करना बंद कर सकता है और खासकर दिल। शरीर में रासायनिक परिवर्तन होते हैं जो बदले में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को बढ़ा सकते हैं और रक्त का पीएच बदल सकते हैं। डॉक्टर ने बताया कि उनके पास बप्पी दा को बचाने के लिए बहुत कम समय था। जब उन्हें एंबुलेंस से लाया गया तो उसकी हालत बहुत नाजुक थी। हमने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन नहीं बचा पाए।
बता दें कि सामने आई जानकारी के मुताबिक मंगलवार रात को खाना खाने के बाद बप्पी दा की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वो जिंदगी की जंग हार गए।