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Ghaziabad Crime News: जेल से छूटने के बाद फिर चोरी करने लगता था शातिर गैंग, क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा गिरोह

Updated Aug 22, 2022 | 16:03 IST

Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद पुलिस ने एक शातिर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह पकड़े जाने पर जेल जाता और फिर जेल में चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के लिए प्लान बनाता था। फिर रिहा होने के बाद दोबारा से चोरी करने में लग जाता था।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
200 से ज्यादा वाहन चुराने वाला गिरोह गिरफ्तार
मुख्य बातें
  • गाजियाबाद पुलिस ने एक शातिर गिरोह का भंडाफोड़ किया है
  • जेल से रिहा होने के बाद दोबारा से चोरी करने में लग जाता था
  • 200 से ज्यादा वाहनों की चोरी कर चुके हैं

Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद पुलिस ने एक शातिर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह पकड़े जाने पर जेल जाता और फिर जेल में चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के लिए प्लान बनाता था। फिर रिहा होने के बाद दोबारा से चोरी करने में लग जाता था। गाजियाबाद ने गिरोह के तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है, जो 200 से ज्यादा वाहनों की चोरी कर चुके हैं। 

पकड़े गए चोरों की पहचान कमल उर्फ सोनू निवासी पसोंडा, संजय सैनी निवासी खरखौंदा मेरठ और मासूम अली, निवासी जहांगीराबाद बुलंदशहर के तौर पर हुई है। पुलिस को इन तीनों चारों के पास से पांच बाइक और एक कार बरामद हुई है।

इस तरह क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा गिरोह

मामले की जानकारी देते हुए क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दकी ने बताया है कि, उन्हें सूचना मिली थी कि तीनों चोर लूटे हुए वाहनों को बेचने के लिए गाजियाबाद के नंदग्राम इलाके में आने वाले हैं। एक योजना बनाकर नंदग्राम पुलिस के सहयोग से क्राइम ब्रांच ने चोरों को आशाराम रोड चौकी के पास पकड़ लिया। जिसके बाद उनके पास से कार व मोटरसाइकिल मिली। पकड़े जाने के बाद निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने सिहानी चुंगी चौकी क्षेत्र के एक खाली पड़े मैदान से चोरी की बाइकें बरामद कीं।

जेल में सीखते थे चोरी ने नए तरीके

क्राइम ब्रांच ने मामले की जानकारी देते हुए बताया है कि, मेरठ का रहने वाले संजय सैनी इस गिरोह का सरगना है। उसके खिलाफ दिल्ली-एनसीआर के कई थानों में करीब 43 मामले दर्ज हैं। वहीं अन्य कमल पर पहले के कुल छह मामले दर्ज हैं। पूछताछ में शातिर चोरों ने बताया है कि, वह दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, बदायूं और हापुड़ में वाहन चोरी के मामलों में जेल जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि, जेल से छूटने के बाद वह ठिकाना बदल लेते थे और फिर दोबारा वारदात को अंजाम देते थे। जेल में रहते हुए उन्होंने अन्य शातिरों से चोरी के नए तरीके भी सीखे थे, जिसे वह घटना के वक्त इस्तेमाल करते थे।