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Ghaziabad House Tax: आसान नहीं होगा गाजियाबाद में हाउस टैक्स जमा करवाना, बढ़ेगी परेशानी

Updated Apr 14, 2022 | 21:19 IST

Ghaziabad Municipal Corporation : गाजियाबाद में हाउस टैक्स जमा करवाने वालों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल, कुछ दिन भवन मालिक हाउस टैक्स जमा नहीं कर पाएंगे। सॉफ्टवेयर और पोर्टल अपडेट होने के चलते ऑनलाइन हाउस टैक्स जमा नहीं हो पाएगा।

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गाजियाबाद में अब भवन मालिक टैक्स जमा करा सकेंगे
मुख्य बातें
  • एक मई तक ऑनलाइन हाउस टैक्स जमा नहीं कर पाएंगे भवन मालिक
  • कर विभाग का सॉफ्टवेयर और पोर्टल हो रहा अपडेट
  • मकान मालिकों की बढ़ेगी परेशानी

House Tax In Ghaziabad:  यूपी के गाजियाबाद में भवन मालिक एक मई तक ऑनलाइन हाउस टैक्स जमा नहीं कर पाएंगे। नगर निगम ने कर विभाग के सॉफ्टवेयर और पोर्टल को अपडेट कराने के लिए फिलहाल बंद कर दिया है। इसे अपडेट करने की जिम्मेदारी एक प्राइवेट फर्म को दी गई है। एक मई से नगर निगम का यह पोर्टल फिर से शुरू हो जाएगा। दरअसल, बीते साल नगर निगम ने ऐसे भवन मालिकों को छूट दी थी जिनके परिवार में कोरोना संक्रमण से किसी व्यक्ति की मौत हो गई थी।

इसके अलावा छूट की अवधि को लेकर भी कई बदलाव किए गए थे। एक साल के लिए दी गई इस सहूलियत की अवधि अब पूरी हो गई है। नए वित्तीय वर्ष में नगर निगम की ओर से हाउस टैक्स में यह छूट नहीं दी जाएगी। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा का कहना है कि एक महीने के लिए सॉफ्टवेयर के अपडेट होने के बाद भवन मालिक टैक्स जमा करा सकेंगे।

दो लाख और भवन गृह कर के दायरे में आएंगे

वहीं, गाजिबादा जिले में मई से दो लाख और भवन गृह कर के दायरे में आएंगे। जीआईएस (ग्लोबल इंफॉरमेशन सिस्टम) के माध्यम से कराए जा रहे सर्वे के पूरा होने पर यह संख्या सामने आई है। ये सभी संपत्तियां अब तक कर से बची हुई थीं। पहले शहर में गृहकर के दायरे में करीब 3.48 लाख रिहाइशी और व्यावसायिक भवन थे। सर्वे के बाद इनकी संख्या बढ़कर करीब 5.40 लाख हो गई है।

जीआईएस के सर्वे में हुआ खुलासा

इन सभी से वसूली के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। करीब 10 साल से शहर में नए भवनों को कर के दायरे में लाने के लिए वृहद स्तर पर सर्वे नहीं हुआ है। इस एक दशक में शहर में करीब 200 से ज्यादा नई हाउसिंग सोसायटियां बन चुकी हैं और शहर की आबादी 16.50 लाख से बढ़कर करीब 24 लाख हो गई है। शहर में बनकर तैयार हुए भवनों को कर के दायरे में लाने के लिए करीब ढाई साल पहले यह जीआईएस सर्वे शुरू कराया गया था।

नगर निगम भेज रहा नोटिस

सर्वे में नए भवनों की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी कविनगर, वसुंधरा और सिटी जोन में हुई है। इनमें बड़ी हाउसिंग सोसायटियां विकसित हुईं हैं। वहीं कविनगर जोन के कई ग्रामीण परिवेश के वार्डों के भवनों को भी हाउस टैक्स के दायरे में लाया गया है। इन भवनों पर भी मई से टैक्स वसूली शुरू हो जाएगी। नगर निगम के जोनल कार्यालयों से जीआईएस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर नए सिरे से कर निर्धारण करके नोटिस भेजने शुरू कर दिए गए हैं। अब तक करीब 2 लाख भवन मालिकों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। अप्रैल माह से बकाया करीब 3.40 लाख भवनों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।

इन क्षेत्रों में लगेगा हाउस टैक्स

दुहाई, मोरटा, सदरपुर, गुलधर, नायफल, बयाना, महरौली, बम्हेटा, मकनपुर, मिर्जापुर, अकबरपुर, बहरामपुर, सैन विहार, शांति नगर, क्रोसिंग सिटी, नूरनगर, सिहानी, पसौंडा, चिकंबरपुर, करहेड़ा, कड़कड़ मॉडल, महाराजपुर आदि।