- भारत में 23 दिसंबर को दोपहर तक ओमीक्रॉन से संक्रिमत होने वाले की संख्या 272 पहुंच गई है।
- भारत में अब तक 272 में से 105 लोग रिकवर हो चुके हैं।
- ब्रिटेन की स्टडी में पाया गया है कि ओमीक्रॉन से अस्पतालों में भर्ती के मामले डेल्टी वैरिएंट की तुलना में 66 फीसदी तक कम हैं।
नई दिल्ली: देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। और संक्रमित लोगों की संख्या 272 पहुंच चुकी है। सबसे ज्यादा ओमिक्रॉन से संक्रमित लोग महाराष्ट्र और दिल्ली में पाए गए हैं। महाराष्ट्र में जहां 65 लोग संक्रमित हैं, वहीं दिल्ली में 64 लोग संक्रमित हैं। भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला केस 2 दिसंबर को पाया गया था । और विशेषज्ञों के अनुसार डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट तीन गुना तेजी से संक्रमण फैला रहा है।
हालांकि इस बीच एक अच्छी खबर आई है। खबर यह है कि भले ही ओमिक्रॉन वैरिएंट का संक्रमण डेल्टा की तुलना में ज्यादा है। लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की दर और गंभीर मामलों की संख्या डेल्टा वैरिएंट की तुलना में बहुत कम है। इस बात का खुलासा ब्रिटेन में हुई दो स्टडी में हुआ है।
66 फीसदी तक अस्पतालों में कम भर्तियां
न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार स्कॉटलैंड में जारी हुए रिसर्च पेपर के अनुसार नवंबर और दिसंबर में दर्ज कोविड मामलों के विश्लेषण से पता चलता है कि डेल्टा की तुलना में ओमीकॉन से अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में दो-तिहाई की कमी आई है। रिसर्च पेपर के सह-लेखक जिम मैकमेनामिन ने कहा है कि यह एक अच्छी खबर है , क्योंकि शुरुआती विश्लेषण से पता चला है अस्पताल में भर्ती होने के मामले कम हैं।
इसी तरह इंपीरियल कॉलेज लंदन की स्टडी में यह बात सामने आई है कि डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमीक्रॉन की वजह से अस्पताल आने वालों के मामले 20-25 फीसदी कम है। जबकि अस्पताल में भर्ती होने के मामले 40-45 फीसदी कम है।
भारत में क्या है स्थिति
आउटब्रेक इंडिया पोर्टल के अनुसार देश में अब तक 272 ओमिक्रॉन वैरिएंट से लोग संक्रमित हुए हैं। इसमें से 105 लोग रिकवर हो चुके हैं। जबकि 167 लोग अभी पॉजिटिव है। यानी इन 20 दिनों में करीब 40 फीसदी लोग रिकवर हो चुके हैं। ओमिक्रॉन के खतरे पर प्रसिद्ध वॉयरोलॉजिस्ट डॉ टी. जैकब जॉन ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बताया कि अभी जो आंकड़ों सामने आए हैं, वो प्रारंभिक आंकड़े हैं। हमें यह समझना होगा कि जब तक आप इस वैरिएंट के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, तब तक बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। कोई भी लापरवाही डेल्टा वैरिएंट की तरह भारी पड़ सकती है।
अफ्रीका में भी अस्पताल में भर्ती होने की दर कम
इसके पहले 3 दिसंबर को साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन चेयरपर्सन एंजेलीक्यू कोएटजी (Angelique Coetzee) ने एएनआई से कहा था कि ओमीक्रॉन के लक्षण में ज्यादातर शरीर में दर्द, सिर में दर्द और थकान के मामले सामने आए हैं। लेकिन किसी ने गंध या टेस्ट नहीं मिलने की शिकायत नहीं की है। और किसी को तेज बुखार की भी शिकायत नहीं है। इसलिए हम कह रहे हैं कि प्राइमरी हेल्थकेयर लेवल पर ओमीक्रॉन, डेल्टा वैरिएंट जैसा घातक नहीं है। इसके अलावा अस्पतालों में बहुत ज्यादा एडमिशन नहीं हो रहे हैं। लेकिन तस्वीर हो सकता है बाद में बदल जाय।