लाइव टीवी

Hay Fever: क्या और क्यों होता है हे फीवर, लक्षण और बचाव, जानें सब कुछ यहां

Updated May 20, 2020 | 18:12 IST

Hay Fever Symptoms: हे फीवर, जिसे एलर्जिक राइनाइटिस भी कहा जाता है। इस बीमारी में सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे नाक बहना, आंखों में खुजली इत्यादि। आइए जानते हैं क्यों और क्या होता हे फीवर।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
क्या और क्यों होता है Hay Fever
मुख्य बातें
  • क्या है हे फीवर, जानें इसके लक्षण।
  • हे फीवर जिसे हम एलर्जिक राइनाइटिस भी कहते हैं।
  • हे फीवर किसी वायरस की वजह से नहीं होता है।

मौसम के आए बदलाव की वजह से हमारा शरीर अक्सर प्रभावित होता है। इसकी वजह से हमे कई मौसमी बीमारियां भी होने लगती हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक है हे फीवर (Hay Fever) जिसे हम एलर्जिक राइनाइटिस भी कहते हैं। इस बीमारी में नाक बहना, आंखों में खुजली होना, छींक और साइनस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। गर्मी और बारिश के मौसम में चलने वाली हवाएं अक्सर कुछ ऐसे कण छोड़ती हैं, जो सांस लेने के दौरान हमारे गले और नाम में चले जाते हैं। इसके बाद इन कणों की वजह से हमारे शरीर को एलर्जी की शिकायत होती है। 

हे फीवर किसी वायरस की वजह से नहीं होता है, बल्कि यह बाहरी और अंदरूनी एलर्जी की वजह से होता है। बता दें कि एलर्जी धूल मिट्टी के अलावा पालतू जानवरों से भी हो सकती है। हे फीवर शरीर को अचानक से प्रभावित करता है, ऐसे में इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लक्षण दिखने पर ही इस बीमारी का उपचार शुरू कर देना चाहिए।  

ये हैं हे फीवर के लक्षण
नाक से पानी निकलना या फिर नाक बंद हो जाना
आंखों से पानी आना या फिर खुजली होना
लगातार छींक आना
नाक में खुजली होना या फिर गले में खुजली होना
आंखों के नीचे काले घेरे
थकान महसूस करना।

क्या है हे फीवर के कारण
जब आपको बुखार होता है तो इम्यूनिटी नुकसान पहुंचाने वाले वायुजनित पदार्थ को अच्छी तरह से पहचानती है। आपकी इम्यूनिटी इस नुकसान पहुचने वाले पदार्थ के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करती है। जब अगली बार आप इस पदार्थ के संपर्क में आते हैं तो यह एंटीबॉडी आपके इम्यून सिस्टम को हिस्टामाइन को ब्लड फ्लो में छोड़ने के लिए संकेत देते हैं। जिसकी वजह से हे फीवर होता है। 

हे फीवर का निवारण
हे फीवर से बचने का कोई उपाय नहीं है। अगर आपको हे फीवर है, तो सबसे पहले अपने लक्षणों का कारण बनने वाली एलर्जी के जोखिम को कम करें। इसके लिए आप एलर्जी की दवाएं खा सकते हैं। इसके बावजूद राहत न मिले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ऐसे करें हे फीवर से बचाव
बाहर निकलते वक्त मुंह को ढकें- बाहर जाने से पहले अपने मुंह को अच्छी तरह से ढकें। हे फीवर के अलावा प्रदूषण और धूल मिट्टी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए यह एक बेहतर तरीका है। इससे हवा में फैले कण सांस लेते वक्त शरीर के अंदर नहीं जाएंगे। इस तरह आप खुद को एलर्जी से बचा सकते हैं।

हर्बल टी का करें सेवन- हर्बल टी में आप अदरक, काली मिर्च, तुलसी के पत्ते लौंग आदि को मिलाकर हर्बल टी बना सकते हैं। इसके सेवन से आप न सिर्फ अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं बल्कि शरीर को हे फीवर से लड़ने में ताकत भी मिलेगी। एलर्जी से निजात पाने के लिए हर्बल टी काफी फायदेमंद है।

धूम्रपान की आदत को करें दूर- धूम्रमान हे फीवर के अलावा कई गंभीर बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है। क्योंकि धूम्रपान के दौरान कई ऐसे कण हैं, जो सांस लेने के दौरान शरीर के अंदर जा सकते हैं। इसलिए धूम्रपान नहीं करना चाहिए।

योग के साथ करें दिन की शुरुआत- हे फीवर के साथ-साथ खुद को फिट रखने के लिए बहुत जरूरी है रोजाना योग करना। आप अपने दिन की शुरुआत योग से करें। कई ऐसे योग और प्राणायाम है जो श्वसन प्रणाली को सही रखते हैं और नाक की गंदगी को भी साफ करते हैं।

घर में भी रखें सावधानी- हे फीवर से बचने के लिए सिर्फ बाहर ही नहीं बल्कि घर के अंदर भी सावधानी रखने की खास जरूरत है। झाड़ू लगाते वक्त या फिर साफ सफाई करते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें कि धूल-मिट्टी की वजह से एलर्जी न हो। इसके अलावा अगर आपको पालतू जानवरों से एलर्जी है तो उससे दूरी बनाएं रखें।