- स्कूल खोले जाने के संबंध में एम्स दिल्ली की खास राय
- बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ कोरोना के खतरे से बचाना भी जरूरी
- पूर्ण टीकाकरण ही सिर्फ रास्ता, स्कूल में सतर्कता पर ज्यादा ध्यान देना होगा।
देश के अलग अलग राज्यों ने स्कूल खोलने का फैसला किया है, कुछ राज्यों में छात्र स्कूल जा भी रहे हैं लेकिन कोरोना का खतरा बरकरार है। इन सबके बीच दिल्ली में भी एक सितंबर से स्कूल खोले जाने का फैसला किया गया है। इस विषय पर एम्स के मेडिकल डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ नवनीत विग ने खास बात कही।
सिंगल डे में 1 करोड़ से अधिक टीकाकरण खास
डॉ नवीत विग, एचओडी, चिकित्सा विभाग, एम्स कल 1 करोड़ टीकाकरण पर कहा कि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और मुझे लगता है कि आने वाले समय में और अधिक टीकाकरण किए जाएंगे। देश को टीकाकरण की जरूरत है। जब तक सभी का टीकाकरण नहीं हो जाता, हम देश को COVID मुक्त नहीं बना सकते। स्कूलों को खोले जाने के विषय पर उन्होंने कहा कि हमें फायदा और नुकसान के बीच तुलना करना होगा। हम जानते हैं कि बच्चे घर से तंग आ चुके हैं। लेकिन हमें जोखिमों को भी देखना होगा। इन बच्चों का टीकाकरण नहीं होता है। एक बार जब वे स्कूल जाते हैं, तो हमें उनके साथ अशिक्षित व्यक्तियों के रूप में व्यवहार करना पड़ता है।
बच्चों को सुरक्षित रखना भी जरूरी
बच्चों को उनके तंत्रिका-संज्ञानात्मक प्रभावों, उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता होती है। हमें संतुलन रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि परीक्षण सकारात्मकता दर 0.5% से कम हो। हमें अपने बच्चों को बचाना है। स्कूलों में श्वसन स्वच्छता, साफ-सफाई, मास्क सुनिश्चित किया जाए।हमारा उद्देश्य इस देश को COVID मुक्त बनाना है। हम इसे मास्क पहनकर और सभी को वैक्सीन देकर कर पाएंगे। वैक्सीन अनुसंधान जारी रखना है ताकि हम बेहतर और बेहतर समाधान के साथ आ सकें।