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बिहार के मंत्री कार्तिकेय सिंह ने दिया इस्तीफा, कानून मंत्रालय से हटाकर दिया गया था उद्योग मंत्रालय

Bihar minister Kartikeya Singh resigned, was given Ministry of Industry after removing from the Ministry of Law
Updated Aug 31, 2022 | 22:58 IST

बिहार के मंत्री कार्तिकेय सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें आज ही कानून मंत्रालय से हटाकर उद्योग मंत्रालय पद भार दिया गया था। सीएम नीतीश ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।

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Bihar minister Kartikeya Singh resigned, was given Ministry of Industry after removing from the Ministry of LawBihar minister Kartikeya Singh resigned, was given Ministry of Industry after removing from the Ministry of Law
तस्वीर साभार:&nbspANI
बिहार के मंत्री कार्तिकेय सिंह का इस्तीफा

पटना: बिहार के मंत्री कार्तिकेय सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिन्हें आज सुबह कानून मंत्रालय से हटाकर राज्य के गन्ना उद्योग मंत्री बना दिया गया था उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी है। गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया गया है। इससे पूर्व बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की ओर से मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल सचिवालय के एक आदेश के आलोक में कार्तिक कुमार को विधि विभाग के स्थान पर गन्ना उद्योग विभाग एवं शमीम अहमद को गन्ना उद्योग विभाग के स्थान पर कानून विभाग का कार्य अगले आदेश तक आवंटित किया गया। गौर हो कि अपहरण के एक मामले में कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कथित तौर पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। 

 हाल की में बिहार में नवगठित महागठबंधन सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही विवादों में घिरे कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह का विभाग बदल दिया गया था। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने आज ही विभाग बदला था। अपहरण के एक मामले में कथित संलिप्तता के बावजूद कुमार को कैबिनेट में शामिल किए जाने की विपक्ष ने भारी आलोचना की थी।

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर राज्यपाल सचिवालय द्वारा 30 अगस्त के एक आदेश के आलोक में कार्तिक कुमार को कानून विभाग के स्थान पर गन्ना उद्योग विभाग एवं शमीम अहमद को गन्ना उद्योग विभाग के स्थान पर कानून विभाग का कार्य अगले आदेश तक आवंटित किया गया। कार्तिकेय ने 16 अगस्त को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नवगठित महागठबंधन सरकार में अपनी पार्टी के कोटे से मंत्री के रूप में शपथ ली थी।

बीजेपी ने 2014 के अपहरण के एक मामले में कार्तिकेय के नामजद होने के बावजूद उन्हें कैबिनेट में शामिल किए जाने पर सवाल खड़ा करते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की थी। बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने राज्य में इन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज कार्तिकेय सिंह का विभाग बदल दिया गया। यह नीतीश की नई जीरो टॉलरेंस नीति है कि फंसाते भी हम है, बचाते भी हम है। हम ही लालू (राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष), तेजस्वी, अनंत सिंह, आनंद मोहन को फंसाएंगे और जब हमारे शरण में आ जाइएगा तो हम ही बचाएंगे। उन्होंने नीतीश पर रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अब लालू के परिवार के आदेशपालक की भूमिका में हैं।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में कैबिनेट फेरबदल से समस्या क्यों है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी जैसे केंद्रीय मंत्रियों के विभागों को बदल दिया तो किसी को कोई समस्या नहीं थी। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के कार्तिकेय पर आरोप लगाया था कि अपहरण के एक मामले में समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था और उन्होंने उसी दिन शपथ ली थी जिस दिन उन्हें एक अदालत में पेश होना था।

कार्तिक पर लगाए गए आरोपों के बारे में 17 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 18 अगस्त को कहा था कि वारंट के बाद अदालत ने गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है। उनको अभी तक अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है। हम अदालत के निर्देशों का पालन करेंगे। कार्तिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित होने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने सुशील के बारे में कहा था, यह सब गलत है।

बिहार में नवगठित महागठबंधन सरकार का बाहर से समर्थन कर रही भाकपा माले ने 17 अगस्त को कहा था कि कानून मंत्री को बनाए रखने से सरकार की छवि खराब होगी। वर्तमान में महागठबंधन में 7 दल जदयू, राजद, कांग्रेस, भाकपा माले, भाकपा, माकपा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल हैं।
 

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