नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में एक बार फिर उछाल के बीच टीकाकरण की प्रक्रिया तेज की जा रही है। इसी के तहत आज (गुरुवार, 1 अप्रैल) से तीसरे चरण के टीकाकरण की शुरुआत हो गई है। इसमें 45 से अधिक की उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा। इससे पहले 45 साल से अधिक की उम्र के उन लोगों को इसमें रखा गया था, जो किसी अन्य तरह की बीमारी से पहले से जूझ रहे हैं, लेकिन अब वह शर्त हटा ली गई है और 45 साल से अधिक की उम्र का कोई भी शख्स टीका लगवा सकेगा।
कोविड-19 से बचाव में इस उम्र के लोगों का टीकाकरण काफी अहम समझा जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, इस घातक संक्रामक रोग से होने वाली मौतों का 90 प्रतिशत हिस्सा इसी उम्र के लोगों का है। ऐसे में इस आयुवर्ग के लोगों का टीकाकरण अहम समझा गया गया। यानी जिन लोगों का जन्म 1 जनवरी 1977 से पहले हुआ है, वे सभी कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन ले सकेंगे। कोरोना वैक्सीनेशन सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में कराया जा सकता है। सरकारी अस्पतालों में जहां यह नि:शुल्क है, वहीं निजी अस्पतालों में वैक्सीन की एक डोज के लिए 250 रुपये निर्धारित किए गए हैं।
कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए निजी अस्पतालों की लिस्ट
कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए सरकारी अस्पतालों की लिस्ट
पहले कराना होगा रजिस्ट्रेशन
वैक्सीन लगवाने के इच्छुक लोगों को सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके लिए कोरोना वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (CoWIN) प्लेटफॉर्म बनाया गया है, जहां आप इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर वैक्सीनेशन से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध होगी। कुछ हेल्थ सेंटर्स पर सीधे वहां जाकर वॉक-इन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध है, जहां कोई भी व्यक्ति अपना फोटो पहचान-पत्र देकर ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन करवाकर वैक्सीन की डोज ले सकता है।
देश में इस वक्त दो तरह की वैक्सीन दी जा रही है- कोविशील्ड और कोवैक्सीन। इन दोनों वैक्सीन की दो डोज लेना जरूरी है। कोवैक्सीन का दूसरा डोज जहां 28 से 42 दिनों के भीतर लिया जा सकता है, वहीं कोविशील्ड का दूसरा डोज 42 से 56 दिनों के बाद लिया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यूं तो वैक्सीन का असर पहले डोज के बाद ही शुरू हो जाता है, लेकिन वायरस से लड़ने में यह प्रभावी नहीं होता और इसलिए दूसरा डोज लेने की सलाह दी जाती है। दूसरा डोज लगवाने के 14 दिनों बाद वैक्सीन वायरस से लड़ने में प्रभावी हो जाती है।