- कोर्ट ने उसको गर्म कपड़े, किताबें, मॉस्क आदि चीजों के लिए परमीशन दी
- दिशा को 30 मिनट के लिए वकील के साथ कानूनी मुलाकात की अनुमति भी मिली
- दिशा मां और परिवार के सदस्यों से बात करने कर पायेंगी
कृषि कानूनों से संबंधित किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट (Toolkit Case) सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) को शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था, इस मामले में मंगलवार को दिशा को कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है बताया जा रहा है कि पटियाला हाउस कोर्ट ने उसको गर्म कपड़े, किताबें, मॉस्क आदि चीजों के लिए परमीशन दे दी है।
पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा रवि को 30 मिनट के लिए वकील के साथ कानूनी मुलाकात की अनुमति दी है,वहीं वो करीब 15 मिनट के लिए अपनी मां और परिवार के सदस्यों से बात करने कर पायेंगी ऐसा भी बताया जा रहा है।
ग्रेटा थनबर्ग और दिशा रवि के बीच हुई चैट्स
'टूलकिट' केस में गिरफ्तार एक्टिविस्ट दिशा रवि की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। टाइम्स नाउ के हाथ पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और 22 वर्षीया एक्टिविस्ट के बीच हुई चैट्स हाथ लगे हैं। इस बातचीत में दोनों कथित रूप से किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले एक ऐसा 'टूलकिट' बनाने के बारे में चर्चा करते पाई गई हैं जो सोशल मीडिया पर 'एक बड़ा बवंडर' खड़ा करे।
जहां तक दोनों की बातचीत का सवाल है तो दिल्ली दिल्ली पुलिस का दावा है कि इन दोनों का उद्देश्य 'भारत की छवि खराब करना' था और ये दोनों इस 'टूलकिट' के जरिए देश में 'हेट स्टॉर्म' का माहौल बनाना चाहती थीं।दिशा ने टेलिग्राम के जरिए ग्रेटा को 'टूलकिट' भेजा था
टाइम्स नाउ के भावतोष की रिपोर्ट के मुताबिक गत तीन फरवरी को दिशा ने टेलिग्राम के जरिए ग्रेटा को 'टूलकिट' भेजा था और इस 'टूलकिट' को थनबर्ग की ओर से शेयर किए जाने के तुरंत बाद दोनों के बीच बातचीत हुई। इन चैट्स की सबसे खास बात यह है कि दिशा को यह अहसास हो गया था कि वह एक मुश्किल में घिर गई है।
उसने ग्रेटा से कहा कि उसे पांच मिनट चाहिए क्योंकि वह अपने वकीलों से बात कर रही है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि 'भारत की छवि खराब' करने के लिए दिशा, मुंबई स्थित वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनू ने 'टूलकिट' तैयार किया।
गणतंत्र दिवस के पहले हुई जूम एप पर इन लोगों की एक बैठक हुई
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम को पत्र लिखा और 26 जनवरी की हिंसा से पहले हुई उस बैठक का ब्योरा मांगा है जिसमें पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल शामिल हुए थे।
दिल्ली पुलिस ने वाट्सएप को भी पत्र लिखा है
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम चार दिनों पहले जैकब के घर गई थी और उनके इलेक्ट्रानिक उपकरणों की जांच की। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि वह जैकब से फिर से पूछताछ करेगी लेकिन तब से वह लापता हैं। यही नहीं, दिल्ली पुलिस ने वाट्सएप को भी पत्र लिखा है। इस पत्र में दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि की ओर से छह दिसंबर को बनाए गए वाट्सएप ग्रुप के बारे में जानकारी मांगी गई है।