लाइव टीवी

नोएडा में ट्विन टावर को जमींदोज करने में 09 सेकेंड नहीं, 12 सेकेंड लगे, जेट डिमोलिशंस कंपनी ने किया खुलासा

Updated Aug 28, 2022 | 21:15 IST

नोएडा में अवैध रूप से बने सुपरटेक के ट्विन टावर 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों के जरिये ध्वस्त कर दिया गया। पहले ऐसी खबरें आई थी कि इस 9 सेकेंड में जमीदोज किया गया। लेकिन विस्फोट में शामिल दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमोलिशन्स कंपनी बताया कि 12 सेकेंड लगे।

Loading ...
नोएडा में सुपरटेक ग्रुप के ट्विन टावर ध्वस्त
मुख्य बातें
  • नोएडा में 32 मंजिला एपेक्स और 29 मंजिला सियान नाम के दो टावर को ध्वस्त किया गया।
  • ध्वस्त करने के लिए 3,700 किलो से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया।
  • टावर के ढहने के तुरंत बाद आसपास के इलाकों धुएं का गुबार छा गया।

नोएडा: जेट डिमोलिशन्स कंपनी के प्रबंध निदेशक जो ब्रिंकमैन ने कहा कि नोएडा में सुपरटेक ग्रुप के ट्विन टावर को रविवार को ध्वस्त करने में 12 सेकेंड का समय लगे। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि ध्वस्त होने में 09 सेकेंड का समय लगा। एडिफिस इंजीनियरिंग ने दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमोलिशन्स कंपनी के सहयोग से ट्विन टावर को ध्वस्त करने के कार्य को अंजाम दिया। एक के बाद एक किए गए कई ब्लास्ट ने अवैध रूप से निर्मित दोनों टावरों को मलबे के एक बड़े ढेर में तब्दील कर दिया।

राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा के सेक्टर 93A में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के बने 32 मंजिला एपेक्स और 29 मंजिला सियान नामक दोनों टावर चंद सेकेंड के भीतर जमींदोज हो गए। ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त किए गए सबसे ऊंची इमारत थी।

इधर ब्लास्ट होने में चंद मिनट थे बाकी, उधर बगल वाले घर से भागने के बजाय आराम से सो रहा था शख्स

नोएडा और आसपास के शहरों के लोग इस कार्रवाई को देखने के लिए जेपी फ्लाईओवर मैदान के पास जमा हुए। कई लोग दोपहर ढाई बजे ट्विन टावर को ध्वस्त किए जाने से कुछ घंटे पहले एक ऐसी जगह ढूंढते नजर आए, जहां से ढांचों को ढहाए जाने के दृश्य बिल्कुल साफ नजर आएं।

Noida Twin Towers: 12 ब्रह्मोस मिसाइल जितने विस्फोटकों से गिराया गया नोएडा का ट्विन टावर

इमारतों को ध्वस्त करने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। टावर के ढहने के तुरंत बाद आसपास धुएं का गुबार छा गया जो कुछ मिनट तक बरकरार रहा। अवैध रूप से निर्मित इन ढांचों को ध्वस्त करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई।

एक रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने 9 साल पहले यहां ट्विन टावर को अवैध रूप से बनाए जाने का आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक बिल्डरों और नोएडा ऑथरिटी के अधिकारियों के बीच मिलीभगत के कारण ही सुपरटेक लिमिटेड को उस इलाके में निर्माण करने दिया गया जहां मूल प्रोजेक्ट के मुताबिक कोई बिल्डिंग नहीं बननी थी।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।