- दिल्ली और उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।
- बढ़ते विवाद को देखते हुए कनाडा के म्यूजियम ने माफी मांग ली है।
- भारत में फिल्म को लेकर लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है।
Kali Documentry Poster Controversy: देश में काली डॉक्युमेंट्री फिल्म के पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि सरकार राज्य में फिल्म के प्रदर्शन को बैन कर सकती है। साथ ही एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। हम सख्त कार्रवाई करेंगे। इसके पहले बढ़ते विवाद के बीच मंगलवार को दिल्ली और उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।
नरोत्तम मिश्र बोले नहीं बर्दाश्त करेंगे अपमान
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा है कि मां काली के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम एफआईआर दर्ज करने के लिए भी कहेंगे। इसके अलावा हम मध्य प्रदेश में फिल्म बैन करने की भी सोच रहे हैं। यही नहीं अगर पोस्टर नहीं हटाया गया तो सख्त कार्रवाई करेंगे। फिल्ममेकर लीना मणीमेकलाई की फिल्म के इस पोस्टर का भारत में भारी विरोध हो रहा है। फिल्म के पोस्टर में मां काली की वेशभूषा में एक महिला को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। इस पोस्टर को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया जा रहा है। कई लोगों ने लीना के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। सोशल मीडिया पर लीना के गिफ्तारी करने की मांग भी ट्रेंड हो रही है।
'काली' डॉक्यूमेंट्री पोस्टर विवाद पर कनाडा के म्यूजियम ने मांगी माफी, नहीं दिखाई जाएगी फिल्म
कनाडा के म्यूजियम ने मांगी माफी
बढ़ते विवाद के बीच टोरंटो शहर के आगा खां म्यूजियम में प्रदर्शित फिल्म को लेकर म्यूजियम ने माफी मांगी है। भारतीय उच्चायोग द्वारा शिकायत करने के बाद म्युजियम ने बयान जारी कर खेद जताया है। और फिल्म को प्रदर्शित नहीं करने का फैसला किया है। आगा खां म्यूजियम ने अपने बयान में कहा है कि कि हमें गहरा खेद है कि 'अंडर द टेंट' प्रोजेक्ट के तहत म्यूजियम में प्रस्तुत 18 शॉर्ट वीडियो द्वारा सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट ने हिंदू और अन्य धार्मिक समुदायों को अनजाने में अपमानित किया है। ऐसे में फिल्म का म्यूजियम में प्रस्तुतिकरण नहीं किया जाएगा। संग्रहालय का मिशन कला के माध्यम से अलग-अलग सांस्कृतियों के बीच समझ और संवाद को बढ़ावा देना है । विविध धार्मिक अभिव्यक्तियों और आस्था समुदायों का सम्मान उस मिशन का एक अभिन्न अंग है।
भारतीय उच्चायोग ने दर्ज कराई थी शिकायत
इसके पहले डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर जारी होने और उठे विवाद को देखते हुए, ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने कहा था कि कनाडा में हिंदू समुदाय के नेताओं से हमें शिकायतें मिली हैं। फिल्म के एक पोस्टर में हिंदू देवी-देविताओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने की हमें शिकायतें मिली हैं। इसे देखते हुए कनाडा के अधिकारियों एवं समारोह के आयोजकों से 'इस तरह के सभी उकसावे वाली सामग्रियों को हटाने' का अनुरोध किया गया है। इस फिल्म को टोरंटो स्थित आगा खान संग्रहालय में 'अंडर द टेंट' प्रोजेक्ट के तहत दिखाया गया है।