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पाकिस्तान का FATF की ग्रे लिस्‍ट में रहना हमारे रुख की पुष्टि : विदेश मंत्रालय

Updated Jun 25, 2020 | 21:18 IST

India on Pakistan's continuation on FATF grey list: एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को ग्रे सूची में रखा है, जिस पर भारत ने कहा है कि यह हमारे रुख की पुष्टि करता है कि PAK ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पाकिस्तान का FATF की ग्रे लिस्‍ट में रहना हमारे रुख की पुष्टि : विदेश मंत्रालय
मुख्य बातें
  • FATF ने पाकिस्‍तान को एक बार फिर से ग्रे लिस्‍ट में रखा है
  • आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाए जाने पर यह कदम उठाया गया है
  • भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इससे उसके रुख की पुष्टि होती है

नई दिल्ली : आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाने के लिए पाकिस्‍तान को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को पहुंचने वाली वित्तीय मदद को रोकने में नाकाम पाकिस्‍तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने एक बार फिर से ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा है कि यह FATF का फैसला भारतीय रुख की पुष्टि करता है।

हमारे रुख की पुष्टि : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक आतंकी वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था एफएटीएफ की संदिग्ध सूची में पाकिस्तान के बने रहने से एक बार फिर जाहिर हो गया है कि उसने अपनी धरती पर सक्रिय आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इससे हमारे रुख की पुष्टि होती है कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की है।

FATF ने डिजिटल बैठक में लिया फैसला

उन्‍होंने एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान ये बातें कहीं। भारत की ओर से यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जबकि आतंकवाद के खिलाफ अपर्याप्‍त कदम उठाए जाने के कारण FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया है। इस संबंध में एफएटीएफ की बुधवार को तीसरी डिजिटल बैठक हुई थी, जिसमें यह फैसला लिया गया।

अक्‍टूबर में FATF की अगली बैठक

पाकिस्‍तान अक्‍टूबर तक एफएटीएफ की ग्रे सूची में रहेगा, जब इस संस्‍था की अगली बैठक होगी। अगर पाकिस्‍तान फिर भी आतंकियों को वित्तीय सहायता रोकने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। एफएटीएफ ने अगर पाकिस्तान को काली सूची में डाल दिया तो देश की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है, जो पहले से ही बुरी स्थिति में है।

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