- पीएम मोदी आज स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ग्रैंड फिनाले को संबोधित करेंगे
- इस ऑनलाइन संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी छात्रों से भी बातचीत करेंगे
- केंद्रीय मंत्री निशंक ने इसे युवाओं में नवाचार क्षमता की पहचान का बड़ा मंच बताया है
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शनिवार, 1 अगस्त) शाम स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ग्रैंड फिनाले को संबोधित करेंगे, जो देश के सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने के लिए नई और डिजिटल प्रौद्योगिकी नवाचारों की पहचान करने की एक पहल है। इस मौके पर वह छात्रों से भी बातचीत करेंगे। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन आत्मनिर्भर भारत, दैनिक जीवन एवं गांव की समस्याओं के समाधान के लिए युवाओं को एक मंच प्रदान करता है।
'आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत गांवों से'
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रांड फिनाले के सॉफ्टवेयर एडिशन की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत की है, जो गांव से शुरू होता है। उन्होंने कहा, 'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में बच्चों के विचार और अनुसंधान मूल रूप से गांव की समस्याओं पर केंद्रित हैं। ये ऐसे विचार हैं जो आत्मनिर्भर भारत और गांव की समस्याओं के समाधान का रास्ता प्रदान करते हैं।'
निशंक ने कहा कि ऐसे समय में जब देश-दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है, हैकाथॉन के माध्यम से बच्चों ने औषधि के क्षेत्र में खोज की दिशा में काम किया है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के माध्यम से छात्र-छात्राओं के अनुसंधान के आधार पर हम कम समय में लाभकारी चीजों को बाजार में लाने में सफल रहे हैं। इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे और सचिव अमित खरे भी मौजूद थे।
10 हजार से अधिक छात्र कर रहे प्रतिस्पर्धा
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन को लेकर मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 2017 के पहले संस्करण में जहां 42,000 छात्रों ने भागीदारी की थी, वहीं 2018 में यह बढ़कर 1 लाख और 2019 में 2 लाख के पार हो गई। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के पहले दौर में 4.5 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
इस वर्ष सॉफ्टवेयर संस्करण का ग्रैंड फिनाले पूरे देश में सभी प्रतिभागियों को एक विशेष रूप से निर्मित उन्नत प्लेटफॉर्म पर एक साथ जोड़कर ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। बयान के अनुसार, 37 केंद्रीय सरकारी विभागों, 17 राज्य सरकारों और 20 उद्योगों की 243 समस्याओं को हल करने के लिए 10,000 से अधिक छात्र प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।