- पंजाब मंत्रिमंडल ने महाधिवक्ता एपीएस देओल का इस्तीफा स्वीकार किया
- नवजोत सिंह सिद्धू , देओल को हटाने पर जोर दे रहे थे
- देओल ने 2015 की बेअदबी घटनाओं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी से जुड़े मामलों में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी का प्रतिनिधित्व किया था
नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की बैठक में बड़ा फैसला हुआ है। डीजीपी और एडवोकेट जनरल को हटाया गया है। चन्नी और सिद्धू के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सीएम चन्नी ने कहा कि महाधिवक्ता का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और कई अन्य मांगों पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पंजाब कैबिनेट ने एडवोकेट जनरल एपीएस देओल का इस्तीफा स्वीकार किया। हमने 30 साल से अधिक सेवा करने वाले पुलिस अधिकारियों के नाम भेजे हैं। इनमें से केंद्र आने वाले दिनों में एक पैनल भेजेगा। हम पैनल के बीच एक नए पुलिस महानिदेशक (DGP) का चयन करेंगे।
पंजाब के महाधिवक्ता एपीएस देओल ने 1 नवंबर को सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को अपना इस्तीफा सौंपा था। 61 साल के देओल को 27 सितंबर को अतुल नंदा के जाने के बाद शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया था, जिन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद एडवोकेट-जनरल के रूप में पद छोड़ दिया था।
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य के कई अन्य पार्टी नेताओं के साथ एपीएस देओल की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी। पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी और सिद्धू ने कैबिनेट की बैठक से पहले चंडीगढ़ में बातचीत की थी। सरकारी नियुक्तियों को लेकर बेचैनी के बीच नेताओं के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने बैठक बुलाई थी। बैठक में दो कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे। इससे पहले पिछले हफ्ते सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में अपना इस्तीफा वापस ले लिया है, लेकिन यह भी शर्त रखी है कि जिस दिन देओल के स्थान पर एक नया महाधिवक्ता नियुक्त किया जाएगा और नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए संघ लोकसेवा आयोग से पैनल आएगा, उसके बाद ही वह कार्यभार संभालेंगे।
हाल ही में सिद्धू ने ट्वीट कर कहा था श्री महाधिवक्ता...न्याय अंधा है लेकिन पंजाब के लोग नहीं हैं। हमारी कांग्रेस पार्टी बेअदबी के मामलों में न्याय देने के वादे के साथ सत्ता में आई, जिसमें आप मुख्य साजिशकर्ताओं, आरोपियों के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए और हमारी सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। आज आप उसी राजनीतिक दल की सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो सत्ता में है और मुझ पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि मैं बेअदबी के मामलों में न्याय के लिए लड़ रहा हूं और आप आरोपियों के लिए जमानत जुटा रहे थे।
देओल ने 2015 में बेअदबी के बाद पुलिस की गोलीबारी की घटनाओं से जुड़े मामलों में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी का प्रतिनिधित्व किया था।