नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहा है भारत दो सप्ताह के भीतर दो बड़े चक्रवाती तूफान का भी सामना कर रहा है। अभी बीते सप्ताह ही अरब सागर में चक्रवात 'तौकते' के कारण भारत के तटवर्ती शहरों में भारी तबाही हुई और अब बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान 'यास' की स्थिति बन रही है, जिसके 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से गुजरने का अनुमान है।
मौसम विभाग के अनुसार, यास के 26 मई की दोपहर को पारादीप और सागर द्वीपों के बीच होते हुए ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों से गुजरने का अनुमान है। इसे भीषण चक्रवाती तूफान बताया जा रहा है। इससे पहले गुजरात के तट से टकराए चक्रवाती तूफान 'तौकते' ने भी भीषण तबाही बचाई, जिसमें 100 से अधिक लोगों ने जान गंवाई तो लाखों लोगों को विस्थापन झेलना पड़ा।
दोनों तूफानों में हवा की गति
भारत जिन दो चक्रवाती तूफानों का सामना बीते दो सप्ताह में करने जा रहा है, उसमें हवा की गति की बात करें तो 'तौकते' चक्रवाती तूफान सोमवार रात को जब गुजरात में सौराष्ट्र के तट से टकराया था तो उस दौरान हवा की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटा थी। वहीं, केंद्र शासित दीव में उस रात करीब 9:30 बजे जब यह तटवर्ती इलाकों से टकराया तो 133 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं।
वहीं, बंगाल की खाड़ी के ऊपर जो गहरे दबाव का क्षेत्र बना है, वह चक्रवाती तूफान 'यास' में तब्दील हो गया है। इसके अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने के बाद 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से गुजरने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, यह एक बहुत ही भीषण चक्रवाती तूफान होगा, जिसमें 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
'भीषण चक्रवात' श्रेणी का तूफान
चक्रवाती तूफान 'तौकते' के कारण मुंबई में भारी वर्षा हुई और गुजरात में दो लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में इस चक्रवाती तूफान के कारण 2100 घर क्षतिग्रस्त हो गये जबकि 363 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल भी नष्ट हो गई। अरब सागर में इस दौरान एक बजरा भी डूबा, जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई, जबकि लगभग 40 से अधिक लापता हो गए।
'तौकाते' गुजरात में बीते 23 वर्षों में आया 'बेहद भीषण चक्रवात' श्रेणी का तूफान है, जो दीव के तटवर्ती इलाकों से 17 मई को टकराया था। इस दौरान हवा की रफ्तार 160-170 किलोमीटर प्रति घंटा से लेकर 185 किलोमीटर प्रति घंटा तक रही। इससे पहले गुजरात को जिस चक्रवाती तूफान ने सर्वाधिक प्रभावित किया था, वह 'कांडला' था, जो 1998 में पोरबंद के तट से टकराया था। इसमें हवा की रफ्तार 160-170 किलोमीटर प्रति घंटा थी।