- जो नजारा दिखा वह एक प्राकृतिक खगोलीय घटना
- समझिए, आखिरकार क्या होता है सन हालो?
- कब, कहां और कैसे आता है यह दृश्य नजर, जानें
उत्तराखंड के देहरादून में में रविवार (25 जुलाई, 2022) को अद्भुत नजारा देखने को मिला। दोपहर एक बजे के आस-पास आसमां में इंद्रधनुषी (सात रंगों वाले) एक गोले के भीतर सूरज कैद नजर आया। शहर में जैसे ही लोगों की इस दृश्य पर नजर पड़ी, वे इसके फोटो और वीडियो लेने लगे। सोशल मीडिया यूजर्स ने इन दृश्यों को मंत्रमुग्ध करने वाला बताया और कहा कि ऐसा नजारा देखकर उनको मजा आ गया।
सोशल मीडिया यूजर्स ने देहरादून में दिखे हालो से जुड़े जो फोटो और वीडियो शेयर किए, उनके साथ कैप्शन में मजेदार इमोजी भी शामिल किए। इनमें किसी ट्वीट में मुस्कुराने वाला स्माइली था, तो किसी में आश्चर्य जताने वाला इमोजी था। समझा जा सकता है कि लोग कैसे इस नजारे को देखकर खुश हुए।
क्या होता है Sun Halo?
दरअसल, जो नजारा दिखा वह एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है। यह सन हालो (Sun Halo) कहलाती है। सूरज जब पृथ्वी से करीब 22 डिग्री कोण पर पहुंचता है, तब आकाश में नमी के चलते ऐसा गोला बन जाता है, जिसे सन हालो के नाम से जाना जाता है। सन हालो (सूर्य प्रभामंडल) को '22 डिग्री हालो' के तौर पर भी जाना जाता है। यह एक प्रकाशीय घटना है, जो वातावरण में निलंबित लाखों हेक्सागोनल आइस क्रिस्टल में सूरज की रोशनी के अपवर्तन के कारण होती है। यह सूर्य या चंद्रमा के चारों ओर लगभग 22 डिग्री की त्रिज्या के साथ एक रिंग (छल्ले) का रूप लेता है।
कहां बनते हैं हालो?
सर्कुलर (गोलाकार/वृत्ताकार) हालो खास तौर पर सिरस (Cirrus) बादलों से बनते हैं। यह पतले और अलग, बालों जैसे बादल होते हैं। ये बादल 20,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर, वातावरण में बहुत ऊपर बनते हैं।
कैसे देखा जा सकता है हालो?
इसे इंद्रधनुष की तरह राइट एंगल (समकोण) से देखने पर एक हालो दिखाई देता है - कभी-कभी सिर्फ सफेद दिखाई देता है, पर अक्सर स्पेक्ट्रम के रंगों के साथ भी स्पष्ट रूप से मौजूद होता है। यह लाखों क्रिस्टल की सामूहिक चमक हैं जो आपकी आंखों में अपवर्तित रोशनी को निर्देशित करने के लिए सही ओरिएंटेशन (अभिविन्यास) और एंग्युलर पोजिशन (कोणीय स्थिति) रखते हैं।