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- विकास दुबे का साथ देने वाले दो पुलिसकर्मी बर्खास्त
- पुलिस की दबिश की पहले ही दे दी थी जानकारी
- बिकरू कांड में शहीद हुए थे आठ पुलिसकर्मी
Kanpur Gangster: यूपी के कानपुर में कई पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाला बिकरू कांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे तो एनकाउंटर में मारा गया लेकिन उससे जुड़ी फाइलों को बंद होने में काफी समय लग जाएगा। अब एक और कार्रवाई इस मामले में की गई है। दरअसल गैंगस्टर विकास दुबे की मदद करने के आरोप में जेल में बंद तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और दारोगा केके शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है। इससे पहले दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। कानपुर पुलिस ने इन दोनों की बर्खास्तगी की कार्रवाई की जानकारी शासन को भेज दी है।
कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने इस मामले में बताया कि विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इन दोनों के अलावा 21 दोषी पुलिसकर्मियों के दंड का फैसला पहले ही हो चुका था। फिलहाल दो और पुलिसकर्मियों पर जांच जारी है। विकास दुबे के बिकरू कांड मामले में किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।
क्या है बिकरू कांड ?
बता दें कि, साल 2020 के जुलाई महीने की दो तारीख को गैंगस्टर विकास दुबे के घर पुलिस की टीम दबिश डालने पहुंची थी। जहां विकास दुबे के गु्र्गों ने उनपर हमला बोल दिया। इस हमले में बिल्हौर के तत्कालीन सीओ समेत आठ पुलिकर्मी शहीद हो गए थे। बाद में पुलिस ने फरार विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया था और रास्ते में ही उसका एनकाउंटर कर दिया गया।
जब पुलिस ने बिकरू कांड की जांच शुरू की थी तो उसमें तत्कालीन एसओ विनय कुमार तिवारी और हल्का इंजार्च केके शर्मा को विकास दुबे का मददगार पाया था। दोनों पर आरोप है कि इन्होंने पहले ही विकास दुबे को दबिश की जानकारी दे दी थी।