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Dagshai: रहस्य से भरा है हिमाचल का ये खूबसूरत हॉन्टेड टाउन, जिससे जुड़ी हैं अजीब डरावनी कहानियां

Updated Jun 10, 2021 | 12:26 IST

Himachal Pradesh Dagshai Town: हिमाचल प्रदेश में स्थित दागशाई गांव एक हॉन्टेड टाउन माना जाता है। इससे जुड़ी कई कहानियां ऐसी हैं, जिसे सुनकर आज भी लोग डर जाते हैं।

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हिमाचल प्रदेश का हॉन्टेड टाउन
मुख्य बातें
  • खूबसूरत गांव में आने के लिए आपको आना होगा काल्का-शिमला हाईवे।
  • दागशाई जेल हिमाचल प्रदेश में कालापानी के नाम से है मशहूर।
  • हॉन्टेड प्लेस के नाम से भी जाना जाता है दागशाई टाउन।

Himachal Pradesh Dagshai Haunted Town in Hindi: भारत एक ऐसा देश है, जो अपनी विविधताओं के लिए जाना जाता है। भारत अपनी खूबसूरती और प्राकृति की वजह से काफी फेमस है। यहां आप वेकेशन भी काफी अच्छे से एन्जॉय कर सकते हैं। यहां कई ऐसे हरे-भरे पेड़ और नदियां हैं, जिन्हें देखकर आप खुद को रिफ्रेश फील करेंगे। ज्यादातर जब भी पहाड़, झील और नदियों की बात आती है, तो दिमाग में हिमाचल प्रदेश का नाम ही आता है।

हिमाचल प्रदेश में कई ऐसी जगह हैं, थोड़े ही बजट में आप अपने दोस्तों या फैमिली के साथ सुकून और एडवेंचर के मजे लेकर आ सकते हैं। यदि आप कोइ इंट्रेस्टिंग ट्रिप पर जाने का सोच रहें हैं, तो आप हिमाचल प्रदेश में स्थित दागशाई जा सकते हैं। हिमाचल में दागशाई को हॉन्टेड टाउन के नाम से जाना जाता है। इसकी कई ऐसी कहानियां हैं, जिसे सुनकर लोग आज भी डर जाते हैं।

पहले इस गांव का नाम था दाग-ए-शाही:
दागशाई भारत का सबसे पुराना छावनी शहर है, जिसे हिमाचल प्रदेश का रहस्यमयी गांव कहा जाता है। दागशाई सोलन से 11 किमी की दूर पर है, जोकि समुद्र तल से 56,00 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर है। कहा जाता है कि मुगल यहां अपराधियों को मृत्युदंड के लिए भेजते थे। जिसके कारण इस शहर का नाम दाग-ए-शाही रखा गया था और बाद में इसे बदलकर दागशाई रख दिया गया।

ब्रिटिश शासन ने मुगलों के बाद इसे आर्मी कैंटोनमेंट बना दिया था। लोग इस जगह को हॉन्टेड कहने लगे थे। लोगों ने इस हरे-भरे पहाड़ों से घिरे हुए गांव में कुछ ऐसी घटनाएं देखीं, जिससे वह यहां शाम के टाइम आने से डरने लगे थे।

दागशाई से जुड़ी एक कहानी:
दागशाई में आपको स्कूल, स्थानीय घर, कब्रिस्तान और पुराने भवन देखने को मिलेंगे। लोग यहां के कब्रिस्तान को अच्छा भी मानते हैं और बुरा भी। यहां के कब्रिस्तान से जुड़ी एक कहानी भी है। कहा जाता है कि यह कब्रिस्तान ब्रिटिश शासन के समय से भारत में है। यहां पर एक ब्रिटिश व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता था, जिसका नाम मेजर जॉर्ज वेस्टन था।

वह एक मेडिसिन प्रैक्टिशनर था, जिसमें उसकी पत्नी उसका नर्सिंग सहायक के तौर साथ देती थी। दोनों की ख्वाहिश थी कि उनका भी एक बच्चा हो। लेकिन काफी टाइम से उन्हें कोई बच्चा नहीं हो रहा था। इस बात से परेशान होकर वह दोनों एक संत से मिले।

संत ने दोनों को ताबीज के रुप में आर्शीवाद दिया, जिसके कुछ समय बाद दोनों को मां-बाप बनने की खुशखबरी मिली। हालांकि सन् 1909 में प्रेग्नेंसी के 8वें महीने में उनकी मृत्यु हो गई थी। उसके बाद जॉर्ज ने अपनी पत्नी और बच्चे दोनों के लिए एक खूबसूरत कब्र बनवाई। जॉर्ज ने कब्र के लिए इंग्लैड से संगमरमर मंगवाया था।

लोगों को दिखती है जॉर्ज की पत्नी मैरी की आत्मा: 
मैरी के मरने के बाद यह खबर सारे में फैल गई थी। उसकी मृत्यु के बाद सब लोगों में यह खबर फैल गई कि जो भी महिला उस कब्र से संगमरमर ले जाएगी उसे बेटा पैदा होगा। कुछ लोगों ने बेटा होने का लालच में वहां से संगमरमर लागा शुरु कर दिया, जिसके कारण मैरी की खूबसूरत कब्र खराब होती चली गई। लोगों का यह मानना है कि मैरी की आत्मा आज भी वहां घूमती है। यहां कि सेंट्रेल जेल भी कब्रिस्तान के साथ-साथ डरावनी बताई जाती है।

सन् 1849 में इस जेल को बनाया गया था, जहां कई लोगों की मौत हुई और यातनाएं दी गई थी। इसके कारण यहां का माहौल नकारात्मक माना जाता है। इस जेल के अंदर भारतीय और आयरिश लोगों को रखा जाता था और उनपर बहुत जुल्म किया जाता था। आपको बता दें कि इस जेल के अंदर गांधी जी भी समय व्यतीत कर चुके हैं।