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what is egg freezing: एग फ्रीज़िंग क्या है? जानें इसकी प्रक्रिया और महिलाओं को व क्‍यों कराना चाह‍िए इसे

Updated Mar 10, 2021 | 14:31 IST

एग फ्रीज़िंग महिलाओं की फर्टिलटी को बनाए रखने का एक तरीका है। कुछ स्वास्थ्य संबंधित मामलों में महिलाएं एग फ्रीज़िंग की मदद ले सकती हैं।

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एग फ्रीज़िंग में महिलाओं के अंड़ों को संरक्षित किया जाता है। (तस्वीर के लिए साभार - iStock images)

डॉ. रितु हिंदुजा, फर्टिलिटी कंसल्टेंट, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, मुंबई

नई दिल्ली:  बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं की प्रजनन शक्ति घटती जाती है। ऐसी स्थिति में एग फ्रीज़िंग उनके लिए एक अच्छा उपाय हो सकता है। एग फ्रीज़िंग में महिलाओं के अंड़ों को संरक्षित किया जाता है। ताकि बाद में इनका इस्तेमाल प्रजनन के लिए किया जाता है।

एग फ्रीज़िंग महिलाओं की फर्टिलटी को बनाए रखने का एक तरीका है। कुछ स्वास्थ्य संबंधित मामलों में महिलाएं एग फ्रीज़िंग की मदद ले सकती हैं। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं की प्रजनन शक्ति घटती जाती है। ऐसी स्थिति में एग फ्रीज़िंग उनके लिए एक अच्छा उपाय हो सकता है। एग फ्रीज़िंग में महिलाओं के अंड़ों को संरक्षित किया जाता है। ताकि बाद में इनका इस्तेमाल प्रजनन के लिए किया जाता है।

क्या है एग फ्रीजिंग?

एग फ्रीजिंग एक आधुनिक तकनीक है जिसकी मदद से महिला अपने अंडाणुओं को फ्रीज करके स्टोर करवा सकती हैं और आने वाले समय में जब भी वह मां बनना चाहे तो इन अंडाणुओं की मदद से वह अपनी ख्वाहिश पूरी कर सकती है। गर्भधारण के लिए एग (अंडाणुओं) को पिघलाकर स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया जाता है और फिर महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुसार, एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया काफी सुरक्षित है। यह प्रक्रिया मान्यताप्राप्त है। कही डॉक्टर्स यह प्रक्रिया का इस्तेमाल करते है। इस प्रक्रिया के कारण बहोतसी महिलाओं को मॉं बनने की खुशी हासिल हुई है। 

एग फ्रीजिंग कब करनी चाहिए?

महिलाओं के एग फ्रीजिंग करने के कुछ 3 से 4 कारण होते है। 

  जैसे की, कही बार महिलाएं करिअर के कारण देरी से शादी करने का निर्णय लेती है। उम्र बढने के कारण गर्भधारणा होने में दिक्कत आती है। एग की गुणवत्ता पर भी असर पडता है। ऐसी स्थिती में महिला अपने एग फ्रीजिंग करवा सकती है।

  1.   अगर महिला को कॅन्सर का निदान हुआ है। कॅन्सर के इलाज में किमोथेरपी और रेडिएशन थेरपी का उपयोग किया जाता है, उसका महिला के एग पर असर पडता है। ऐसै समय कॅन्सर का इलाज शुरू होने के पहले महिला अपना एग फ्रीजिंग करवा सकती है।
  2.   कही बार बहोतशी बिमारी के लिए जो दवाई ली जाती है, उन दवाई का भी महिला के अंडे की गुणवत्ता एवं मात्रा पर असर पडता है। ऐसी स्थिती में एग फ्रीजिंग किया जा सकता है। 
  3. महिलाएं जब एग फ्रीजिंग करना चाहती है तो वह पुछती है की कितके एग फ्रीज किए जाएगे। ऐसे में हम उन्हे बताते है की, हर एक आयव्हीएफ सायकल के लिए लगभग 10 एग की जरूरत होती है। यह प्रक्रिया काफी अच्छी है। आप को जब चाहिए तब गर्भाधारणा करने के लिए यह तकनीक फायदेमंद है। इसका जरूर इस्तेमाल करें। यह करने से पहले आपने फर्टिलिटी स्पेशालिट की सलाह जरूर लेना चाहिए।

एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया

1)    ओव्हरी को स्टिम्युलेट करनाः-
दवा देकर ओव्हरी को स्टिम्युलेट करके अधिक अंडाणु बनाने के लिए तैयार किया जाता है। एग फ्रीजिंग के लिए पीरियड्स के दुसरे दिन से इंजेक्शन शुरू किया जाता है। जो लगभर ११ दिन तक दिए जाते है। तेरवे दिन को भूल का इंजेक्शन देकर महिला के एग को बाहर निकाला जाता है। यह प्रक्रिया करते समय किसी भी तरह का छेद नही किया जाता। और महिला को हॉस्पिटल में भरती होने की जरूरत भी नही पडती।

2)    फ्रीजिंगः-
अंडाणुओं को निकालने के बाद परिपक्वता के आधार पर उन्हें अलग किया जाता है और फिर परिपक्व अंडाणुओं को लिक्विड नाइट्रोजन में रख दिया जाता है, जो कि माइनस- 116 डिग्री सेल्शियस से -320 डिग्री फारेनहाइट पर जमता है। 

एग फ्रीजिंग की सही उम्र क्या है?

एग फ्रीजिंग की वैसे तो कोई सही उम्र तय नहीं है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि यह जितनी जल्दी कर दें परिणाम उतना ही अच्छा आएगा। आमतौर पर 20 से 30 की उम्र में एग फ्रीजिंग करवाना अच्छा होता है, क्योंकि 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी कम होने लगती है। लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक बार अंडे को समय पर फ्रीज किया गया तो, जब चाहो तब फ्रीज किए गए अंडे को भ्रूण के रूप में विकसित करके महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जा सकता है। उसके बाद महिला मातृत्व का सुख अनुभव कर सकती है। प्रसव के बाद महिला और बच्चे दोन्हों की सेहत पर कोई असर नही पडता। इसलिए एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित है। इससे कोई भी दाम्पत्य अपनी इच्छा से बच्चे कब चाहिए तब निर्णय ले सकते है। लेकिन इसके लिए आपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेने चाहिए।
 

डिस्क्लेमर: टाइम्स नाउ डिजिटल अतिथि लेखक है और ये इनके निजी विचार हैं। टाइम्स नेटवर्क इन विचारों से इत्तेफाक नहीं रखता है।