- नोएडा एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई
- ग्रेटर नोएडा में अवैध तरीके से रह रहे तीन चीनी नागरिक पकड़ाए
- बिना वीजा और पासपोर्ट के रह रहे थे चीनी नागरिक
Chinese Citizens Arrested In Greater Noida: हाल ही में नोएडा में अवैध तरीके से बिना वीजा और पासपोर्ट के रह रहे चीनी नागरिकों का खुलासा हुआ है। अवैध रूप से बिना वीजा और पासपोर्ट के रह रहे चीनी नागरिकों की जांच में जुटी एसटीएफ ने अवैध रूप से ग्रेटर नोएडा में रह रहे चीनी नागरिक सु फाई और रवि नटवरलाल से पूछताछ के बाद तीन अन्य फरार चल रहे चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पकड़े गए आरोपी बिना वीजा और पासपोर्ट के भारत में रह रहे थे। एसटीएफ ने गिरफ्तार चीनी नागरिकों को कोतवाली बीटा-2 पुलिस को सौंप दिया है, लेकिन अभी तक नोएडा पुलिस के अधिकारियों और कोतवाली बीटा-2 पुलिस की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है।
फरार चल रहे तीनों चीनी नागरिक भी पकड़े
एसटीएफ के सूत्रो से मिली जानकारी अनुसार, जिन तीन चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से दो नागरिक नोएडा के सेक्टर 63 में एक इंडस्ट्री में काम करते थे, जबकि एक चीनी नागरिक ग्रेटर नोएडा के घरबरा गांव में स्थित चीनी क्लब में रहता था। सु फाई की गिरफ्तारी के बाद तीनों अन्य चीनी नागरिक फरार हो गए थे। दो चीनी नागरिकों का वीजा दो साल पहले ही समाप्त हो चुका था और वह अवैध रूप से ग्रेटर नोएडा में रह रहे थे। जबकि तीसरे चीनी नागरिक के पास पासपोर्ट और वीजा दोनों ही नहीं मिला। पुलिस इस वक्त उससे यह पता लगाने में लगी है कि, वह कैसे और किस माध्यम से भारत में आया। इन सभी प्रश्नों को लेकर पूछताछ जारी है।
जांच एजेंसियां करेंगी मामले की तह तक जांच
आपको बता दें कि, बीते माह 11 जून को भारत नेपाल सीमा सीतामढ़ी से दो चीनी नागरिक लू लैंग और यू हेलेंग की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के बाद इस मामले का खुलासा हुआ था। पकड़े गए चीनी नागरिकों ने बताया था कि, दोनों अपने चीनी दोस्त सु फाई के पास 18 दिनों तक रहे थे। सु फाई की गिरफ्तारी और ग्रेटर नोएडा के घरबारा में चीनी क्लब होने के खुलासे के बाद से जांच एजेंसियां इस मामले में सतर्क हो गई थी। उसके बाद एक के बाद एक गिरफ्तारी के पश्चात कड़ी खुलती गई और इस मामले में अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जांच एजेंसियां जासूसी के एंगल से भी जांच कर रही हैं और इस बात की जानकारी करने में जुटी है कि इस सिंडिकेट में कितने लोग जुड़े हैं। इस बात की भी जांच की जा रही है कि, भारत में उनका नेटवर्क कहां-कहां तक फैला है, साथ ही उन्हें किन लोगों का सहयोग प्राप्त है।