- बिहार सरकार ने पेश किया बजट, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व अल्पसंख्यकों पर होगा विशेष खर्च
- नये वित्तीय वर्ष 2022-23 में बाढ़ से सुरक्षा पर करीब 600.66 करोड़ रुपये खर्च होंगे
- स्वास्थ्य सुविधाओं को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए खर्च होंगे 16 हजार करोड़ से अधिक
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सोमवार को बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया। पेश में बजट में बजट अनुमान 2 लाख 37 हजार 691 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि रखी गई है, जिसमें शिक्षा और ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दिया गया है। पिछले साल बजट में 2 लाख 18 हजार 303 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि रखी गई थी। वित्तमंत्री ने बजट भाषण की शुरूआत कौटिल्य के अर्थशास्त्र के एक संस्कृत श्लोक 'अलबद्ध लाभार्थ, लब्ध परिरक्षणी..' अर्थात जो प्राप्त न हो उसे प्राप्त करना, जो प्राप्त हो गया उसे संरक्षित रखना, और जो संरक्षित हो गया है उसे समानता के आधार पर बांटने से की।
छह सूत्रों से जुड़ा है बजट
इसके बाद उन्होंने कहा, यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल एक जुनून सा दिल में जगाना होता है पूछा चिड़िया से कैसे बना आशियाना? बोली-भरनी पड़ती है उड़ान बार-बार, तिनका-तिनका उठाना होता है। प्रसाद ने कहा कि बिहार बजट 2022-23 छह सूत्रों स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग में निवेश, कृषि एवं संबंधित क्षेत्र, आधारभूत संरचना ग्रामीण एवं शहरी, विभिन्न वर्गों के कल्याण से जुड़े हुए हैं। इस बजट में सबसे अधिक खर्च शिक्षा विभाग में करीब 39,191 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र में 16,134 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा ग्रामीण विकास पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15,456 करोड रुपये खर्च का प्रावधान है तथा गृह विभाग पर 14,372 करोड़ और उर्जा क्षेत्र पर 11475 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस तरह खर्च होगा पैसा
प्रसाद द्वारा पेश किए गए बजट में स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय का बजट अनुमान 1 करोड़ 37 लाख 460 रुपये है, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान 1,17,783 करोड़ रुपये से 19,677 करोड़ अधिक है। वित्तीय बजट में वार्षिक स्कीम का कुल बजट अनुमान एक लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले साल के बजट अनुमान के बराबर है। बजट में सुशासन के कार्यक्रम 2020-25 के लिए आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय -2 के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभिन्न विभागों के अंतर्गत कुल बजट प्रावधान पांच हजार करोड़ रुपये किया गया है।
राजकोषीय घाटा
बजट पेश करते हुए तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार में इस बार राजकोषीय घाटे को 3.47 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य रखा गया है। बजट में स्कीम के अनुसार पांच बडे विभागों में शिक्षा और ग्रामीण विकास विभाग में सबसे अधिक खर्च करने का प्रस्ताव बजट में दिया गया है। इसमें शिक्षा में स्कीम के लिए 22,198 करोड़ की राशि खर्च करने का प्रस्ताव है, जबकि ग्रामीण विकास में 14,996 करोड, समाज कल्याण में 8,132 करोड, ग्रामीण कार्य में 7,950 करोड़ और स्वास्थ्य पर 7,035 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव बजट में दिया गया है।