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क्‍या होता है छठ का प्रसाद, पूजा से पहले इन चीजों की कर लें तैयारी

Updated Nov 11, 2018 | 11:31 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Chhath Puja 2018 : सूर्य देव की अराधना का त्‍योहार है छठ पूजा। अगर आप भी इस पूजा को कर रहे हैं तो यहां जानें इसकी जरूरी सामग्री और क्‍या होता है इस पूजा के प्रसाद में शामिल।

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Chhath Puja 2018 : Zaroori Samagri

Chhath Puja 2018 : छठ पूजा हिंदू कलैंडर के अनुसार, कार्त‍िक मास में द‍िवाली के 6 द‍िन बाद मनाया जाने वाला पर्व है। छठी देवी को सूर्य देव की मानस बहन माना गया है, इसलिए इस मौके पर भगवान भास्‍कर की अराधना पूरी निष्‍ठा व परंपरा के साथ की जाती है। यह पर्व पूर्वी भारत में काफी प्रचल‍ित है और मुख्‍य रूप से के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में पूरी आस्‍था व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। 

वैसे छठ का व्रत काफी कठ‍िन व्रत माना जाता है। इस दौरान दो द‍िन तक बिना पानी ग्रहण क‍िए व्रत रहना होता है। कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को नहाय खाय होता है। इस दिन व्रती नदी में या घर पर ही जल में गंगा जल डालकर स्नान करता है और फ‍िर नए वस्‍त्र धारण करने के बाद भोजन ग्रहण करता है। कार्तिक शुक्ल पंचमी को छठ का व्रत रखा जाता है तथा शाम को व्रती भोजन ग्रहण करते हैं। यही खरना होता है जिसमें अन्‍न और जल के बिना रहा जाता है। इसमें गुड़ की खीर बनती है। 

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क्‍या होता है छठ पूजा का प्रसाद, Chhath Puja Prasad 
खष्ठी के दिन छठ का प्रसाद होता है। प्रसाद में मालपुआ, खीर-पूड़ी, खजूर, सूजी का हलवा, चावल का बना लड्डू, सूखे मेवे, नार‍ियल आद‍ि भी शामिल होते हैं। इस दौरान खीर गुड़ की बनती है। 

गौरतलब है क‍ि छठ में प्रसाद के रूप में बनने वाले ठेकुआ और चावल के लड्डू खासतौर पर छठ के लिए धोए, सुखाए और पिसवाए गए गेहूं व चावल से बनेंगे। ये ध्यान रखने की बात है कि इस दौरान अनाज पर किसी का पैर नहीं लगना चाह‍िए और किसी पक्षी की चोंच भी इसमें नहीं लगनी चाहिए, अन्‍यथा प्रसाद झूठा माना जाएगा। 

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छठ पूजा की सामग्री, Chhath Puja Important things List 
खष्ठी के अगले दिन यानी सप्तमी को सूर्योदय को पुनः सूर्य पूजा करके अर्ध्य द‍िया जाता है। इस दौरान प्रसाद और फल से पूरी टोकरी सजी रहती है। इस पूजा में जो सामग्री चाहिए होती है, वो इस प्रकार है- 

  • बांस की दो तीन बड़ी टोकरी, प्रसाद रखने के लिए 
  • बांस या पीतल के बने 3 सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास.
  • नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा
  • पानी वाला नारियल
  • गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो
  • सुथनी और शकरकंदी
  • नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं
  • शहद की डिब्बी
  • पान और साबुत सुपारी
  • चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक
  • हल्दी और अदरक का हरा पौधा
  • कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई

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इस बात का ध्‍यान रखें क‍ि टोकरी को धोकर ही उसमें प्रसाद व पूजा की सामग्री रखी जाती है। वहीं सूर्य को अर्घ्य देते वक्त सारा सामान सूप में रखा जाता है। दीपक भी सूप में ही जलता है। सूर्य भगवान को अर्घ्‍य देने के लिए लोटे में दूध, गंगाजल और साफ जल मिलाएं और फल प्रसाद के ऊपर चढ़ाते हुए अर्घ्य दें।

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